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ऊना में खनन माफिया का खेल, सरकार को चूना लगाने के साथ बजा रहे खतरे की घंटी - ऊना की स्वां नदी न्यूज़

जिला ऊना में अवैध खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है और जिले को बड़ी तबाही की ओर धकेला जा रहा है. जिले को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए सरकार ने अलग-अलग चरणों में करीब 1400 करोड़ रूपये की योजनाएं स्वीकृत की हैं. जिसमें से करीब 1100 करोड़ रुपये ऊना की जीवन धारा कही जाने वाली स्वां नदी पर खर्च हो चुके हैं. लेकिन खनन माफिया चंद सिक्कों की खातिर नदी को रोजाना खोखला कर रहे हैं.

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ऊना में खनन का खेल

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Published : Jan 1, 2020, 9:43 AM IST

ऊना: जिले को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए सरकार ने अलग-अलग चरणों में करीब 1400 करोड़ रूपये की योजनाएं स्वीकृत की हैं. जिसमें से करीब 1100 करोड़ रुपये ऊना की जीवन धारा कही जाने वाली स्वां नदी पर खर्च हो चुके हैं. लेकिन खनन माफिया चंद सिक्कों की खातिर नदी को रोजाना खोखला कर रहे हैं.

स्वां नदी में घुसने के लिए खनन माफिया ने तटबंधों के ऊपर से ही कई रास्ते बना दिए हैं. बड़ी मशीनें लगाकर भी खनन किया जा रहा है जिससे कई स्थानों पर तटबंध टूट गए है और कई जगह गिरने की कगार पर हैं. जिला ऊना में अवैध खनन करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है और जिले को बड़ी तबाही की ओर धकेला जा रहा है.

साल 1988 में ऊना जिले में बहने वाली स्वां नदी में आई बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई थी. स्वां नदी के वेग को बांधने के लिए साल 1998 में तटीकरण का काम शुरु हुआ. 1998 से लेकर अब तक स्वां नदी और इसकी सहायक खड्डों के तटीकरण के लिए चार चरणों में करीब 1400 रूपये स्वीकृत हुए हैं जिसमें से करीब 1100 करोड़ रुपये अब तक खर्च किये जा चुके है. जिले को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए सरकारी योजना का पैसा खर्च हो रहा है लेकिन खनन माफिया अपनी जेबें भरकर नदी को रोजाना नुकसान पहुंचा रहा है.

ऊना में खनन का खेल

दरअसल ऊना जिला में बहने वाली स्वां नदी से खनन सामग्री उठाने के लिए खनन विभाग द्वारा दर्जनों लीज आवंटित की गई है और इसी की आड़ में कई जगह अवैध खनन का खेल चल रहा है. तटबंधों पर बनाए अवैध रास्तों से रोजाना सैंकड़ों टिप्पर गुजरते हैं.

स्थानीय किसानों के मुताबिक तटबंध बनने के बाद उन्होंने कड़ी मेहनत से खेती योग्य जमीन तैयार की है और अगर खनन का खेल नहीं रोका गया तो फिर से बाढ़ का खतरा पैदा होगा जो उनकी मेहनत पर पानी फेर देगा. तटबंधों को हो रहे नुकसान के बाद ऊना के पूर्व पार्षद नवदीप कश्यप ने इस मामले को ग्रीन ट्रिब्यूनल से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की बात कही है

वहीं बाढ़ नियंत्रण विभाग की मानें तो तटबंधो पर रास्ते बनाने का मामला ध्यान में आने के बाद बाढ़ नियंत्रण विभाग और खनन विभाग ने संयुक्त निरीक्षण करके गैर जरूरी रास्तों को बंद करवाया था. बाढ़ नियंत्रण विभाग ने भी उद्योग विभाग को तटबंधों की मरम्मत के लिए कहा है. साथ ही तटबंधों पर अवैध रास्तों को लेकर पुलिस को भी शिकायत दी गई है

ऊना में स्वां नदी पर खनन को लेकर सियासत भी जोरों पर है. ऊना सदर से कांग्रेस के विधायक सतपाल रायजादा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि स्वां नदी के लिए मौजूदा परियोजनाएं पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की देन है और अगर नदी में खनन का खेल नहीं रुका तो योजना खतरे में पड़ जाएगी.

रायजादा ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी तो सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार खनन माफिया पर लगाम लगाने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रही है और खनन की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा भी दिया.

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