ऊना: परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाला मुखिया 2 साल से कोमा में है. ब्रेन के काम न करने के चलते वह जड़ अवस्था में ऐसे ही बिस्तर पर लेटा हुआ है. परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे किस तरह जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं, यह वही जानते हैं. जो हम आपको बताने जा रहे है यह कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है हरोली उपमंडल के लूठड़े गांव निवासी संजीव कुमार के परिवार की.
करीब 2 साल पूर्व डिप्रेशन की बीमारी के बाद संजीव कुमार का ब्रेन काम करना बंद कर गया. वहीं, परिवार को संजीव के भाइयों ने यथासंभव सहायता भी प्रदान की. जिनमें परिवार के पालन-पोषण के साथ-साथ खुद संजीव कुमार की दवा का भी खर्चा उठाया गया. अब जब सबके हाथ खड़े हो गए हैं तो ऐसे में संजीव की पत्नी मोनिका जमीन बेचकर पति का इलाज करवाना चाहती है.
जब परिवार ने सरकार से सहायता मांगी तो लाखों के बिलों के बदले अभी तक केवल मात्र 15 हजार की मदद ही हो पाई है, जबकि इस माह से संजीव को दो हजार रूपये की पेंशन भी शुरू हो गई है. इस परिवार ने डीसी ऊना को अपना को दुखड़ा सुनाया तो उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.
हरोली उपमंडल के लूठड़े गांव निवासी एक परिवार की कहानी हर किसी का दिल पसीज देने वाली है. करीब 2 साल पहले लंबी बीमारी के बाद संजीव कुमार का ब्रेन काम करना बंद कर गया था. जिसके बाद से लेकर आज दिन तक संजीव कुमार कोमा की हालत में हैं.