ऊना: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व में तीन बार सदस्य रहे और कद्दावर नेता कश्मीरी लाल जोशी की शुक्रवार को उनके पैतृक गांव कुंगड़त में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई. उनका वीरवार को निधन हुआ था. 86 वर्षीय वयोवृद्ध नेता कश्मीरी लाल जोशी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. गुरुवार को उन्हें उनके पैतृक निवास कुंगड़त से पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया जा रहा था. रास्ते में उन्होंने आखिरी सांस ली.
राजकीय सम्मान के साथ हुए इस अंतिम संस्कार में (Kashmiri Lal Joshi funeral ) औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष प्रोफेसर रामकुमार और प्रशासन की तरफ से एसडीएम हरोली भी मौके पर मौजूद रहे. दिवंगत नेता के अंतिम दर्शन और अंत्येष्टि के लिए विधानसभा क्षेत्र से सैकड़ों लोग भी उमड़े रहे. इस मौके पर एचपीएसआईडीसी उपाध्यक्ष प्रोफेसर रामकुमार ने कहा कि पंडित कश्मीरी लाल जोशी ने सिद्धांतों पर आधारित राजनीति की है. उन्होंने सदैव विधानसभा क्षेत्र के लोगों का दुख सुख बांटा है. साफ छवि के पंडित कश्मीरी लाल जोशी को सदैव याद किया जाता रहेगा.
पंडित कश्मीरी लाल जोशी पंचतत्व में विलीन. कश्मीरी लाल जोशी (Political career of Kashmiri Lal Joshi) तीन बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे हैं. पहली बार 1969 में लोकराज पार्टी की तरफ से कश्मीरी लाल जोशी बीत क्षेत्र विधानसभा हलके से विधायक रहे. दूसरी बार 1972 में कश्मीरी लाल जोशी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार बने और बीत क्षेत्र से विधायक बने. तीसरी बार 1990 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. कश्मीरी लाल जोशी लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय रहे और शीर्ष नेतृत्व में रहे.
कश्मीरी लाल जोशी को ईमानदार राजनीति के लिए जाना जाता रहा है. संतोषगढ़ विधानसभा क्षेत्र जब तक रहा तब तक जोशी परिवार की राजनीति में खूब तूती बोलती रही. कश्मीरी लाल जोशी कुछ वर्षों से राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं रहे और भगवा चोला पहनकर प्रभु भक्ति में लीन रहे. कश्मीरी लाल जोशी का भरा-पूरा परिवार है जिसमें पत्नी, दो बेटे, एक बेटी हैं. कश्मीरी लाल जोशी के निधन पर जिला व प्रदेश के समस्त राजनीतिक दलों व प्रबुद्ध नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.
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