ऊना:दिव्यांगता के बावजूद हौसलों की उड़ान के सहारे समाज के लिए प्रेरणा के बड़े स्रोत बन चुके ऊना जिला के पांच दिव्यांग आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. साल 2018 में डीसी कार्यालय कैंपस में 5 दिव्यांगों द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से शुरू की गई कैंटीन (PAHAL CANTEEN IN UNA) न केवल डीसी कार्यालय, बल्कि आसपास के कई सरकारी कार्यालयों समेत न्यायालय परिसर के लिए भी काफी अहम साबित हो रही है.
एक तरफ जहां यह पांच दिव्यांग इस कैंटीन के (PAHAL CANTEEN IN UNA) बलबूते अपनी और अपने परिजनों की जिंदगी को संवार रहे हैं. वहीं, स्वावलंबन के दम पर नित्य प्रति दिन बढ़ते कदमों से समाज के लिए भी प्रेरणा के बड़े स्त्रोत बनकर उभरे हैं. प्रशासनिक अधिकारी तो छोड़िए खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी इन पांचों के हौसले को हस्ताक्षरित शुभकामनाएं देकर प्रोत्साहित कर चुके हैं.
बता दें कि साल 2018 में जिला प्रशासन के सहयोग से मिनी सचिवालय ऊना के परिसर में "पहल" नाम से एक कैंटीन शुरू की गई थी. इस कैंटीन का संचालन पूरी तरह से उन दिव्यांगों को सौंपा गया, जो हिम्मत हार रहे थे. इतना ही नहीं इन दिव्यांगों को चिन्हित कर कुफरी में कैंटीन चलाने के लिए करीब एक माह की विशेष ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग से लौटकर इन दिव्यांगों के लिए फूड कैंटीन में स्वरोजगार देने की व्यवस्था की गई है."पहल" नाम से खोली गई इस कैंटीन में कुल 5 दिव्यांग युवक कार्य कर रहे हैं. यह सभी दिव्यांग युवक दसवीं तक शिक्षित हैं. जिसके बाद इन्हें जिला ऊना में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित विकलांग पुर्नवास केंद्र के माध्यम से ट्रेनिंग करवाई गई. इनमें से किसी को सुनने और बोलने में, किसी को चलने में और किसी को देखने में दिक्कत है.