ऊना:रूस और यूक्रेन के छिड़े युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे छात्रों के अविभावकों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. जिला ऊना के यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों ने शनिवार देर शाम एडीसी ऊना डॉ. अमित शर्मा के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेज उनके बच्चों की वतन वापसी की गुहार लगाई है. परिजनों की मानें तो सरकार द्वारा छात्रों को वापिस लाने के लिए छेड़ा गया अभियान अभी तक धीमी गति से ही चल रहा है.
वहीं, उन्होंने बताया की सरकार द्वारा जो आपातकाल नंबर जारी भी किये गए हैं उनपर संपर्क ही नहीं हो पा रहा है. परिजनों ने सरकार से मांग की है कि अगर अभी बच्चों की वतन वापिसी संभव नहीं है तो उनके बच्चो को वहीं, किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए. यूक्रेन के कीव व खारकीब में फंसे बच्चों के अभिभावकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि इनके बच्चों को जल्द भारत लाया जाए.
शनिवार देर शाम अभिभावकों का एक प्रतिनिधिमंडल एडीसी ऊना अमित शर्मा से मिला. अभिभावकों ने एडीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन प्रेषित कर इनके बच्चों की सकुशल वापसी की मांग उठाई. अभिभावकों ने कहा कि यूक्रेन में हालात काफी खराब हो चुके है. इनके बच्चों पर हर समय खतरा मंडरा रहा है. अभिभावकों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों को यूक्रेन से निकालने के लिए जो अभियान चलाया है, वह बहुत ही धीमी गति से चल रहा है.
रोजाना एक फ्लाइट से 400-500 बच्चों को वापिस लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा दिल्ली में जारी हेल्प डेस्ट नंबर पर भी कोई फोन रिसीव नहीं कर रहा है. जिसके चलते अभिभावकों की परेशानियां भी बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि अभिभावकों का रोष बढ़ता जा रहा है, यदि भारत सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए माकूल कदम नहीं उठाए तो अभिभावक मजबूरी में धरने प्रदर्शन के लिए भी मजबूर हो सकते हैं. वहीं, एडीसी ऊना डॉ. अमित शर्मा ने कहा कि यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है, जिसके संबंध में जल्द ही उचित कदम उठाये जाएंगे.
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