ऊना: राजस्थान के जिला अलवर (District Alwar of Rajasthan) के गांव माले खेड़ा से संबंध रखने वाले इंद्र भगत व उनकी धर्मपत्नी शांति देवी बारी-बारी कर दंडवत होकर अपना सफर तय कर रहे हैं. ये दंपति (couple) हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मां चिंतपूर्णी, मां ज्वाला जी, माता कांगड़ा वाली और मां चामुंडा के दर्शनों के लिए निकले हैं. बुजुर्ग दंपति की यह अगाध आस्था हजारों लोगों की चर्चा का केंद्र बनी हुई है.
हालांकि इतिहास साक्षी है कि मां के दरबार में मांगी गई मन्नत (Prayer) पूरी होने पर या फिर किसी चाह के वशीभूत होकर श्रद्धालु मां के दरबार में दंडवत होकर पहुंचते रहे हैं, लेकिन वृद्धावस्था के पड़ाव में पहुंच रहे इस दंपति ने बिना किसी मन्नत मुराद के अपनी खुशी से हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में तमाम देवियों के दर्शन दंडवत होकर करने का प्रण किया है.
भरा पूरा परिवार तीन पुत्र, तीन बहुएं, पोते-पोतियां, एक बेटी, जमीन जायदाद और अच्छा काम धंधा. सब कुछ होने के बावजूद इस दंपति ने अपनी खुशी से दंडवत होकर देवी मंदिर के दर्शन करने के लिए यात्रा शुरू की है. इंद्र भगत कहते हैं कि वह पहले भी 29 बार वाहनों के माध्यम से देवियों के दर्शनों (visions of the goddesses) के लिए हिमाचल आ चुके हैं, लेकिन इस बार पति-पत्नी दोनों ने दंडवत होकर माता के दर्शन करने का संकल्प लिया है. कुछ लोगों ने उन्हें पैसे भी देने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने वह पैसे लेने से इनकार करते हुए कहा कि वह अपना खर्च उठाने में सक्षम हैं और अपनी खुशी से माता के दरबार की यात्रा कर रहे हैं.
उनकी इस यात्रा के दौरान राह में मिलने वाले लोग भी उनका काफी सहयोग कर रहे हैं. इंद्र भगत (Indar Bhagat) ने बताया कि करीब 2 माह 29 दिन पूर्व उनकी यात्रा राजस्थान के अलवर जिले (Alwar district of Rajasthan) के तहत पड़ने वाले माले खेड़ा गांव स्थित उनके निवास से शुरू हुई है. प्रथम चरण में यह दंपति मां चिंतपूर्णी मंदिर (Maa Chintpurni Temple) के दर्शन करने के बाद ज्वाला जी की तरफ रुख करेगा. इसके बाद माता कांगड़ा वाली और मां चामुंडा मंदिर (Maa Chamunda temple) के दर्शन के लिए रवाना होगा.
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