ऊना:जिला ऊना में अवैध खनन की गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया (illegal mining mafia in Una) है. दरअसल खनन माफिया पर लगाम लगाने के लिए जिला ऊना में माइनिंग रिजर्व के नाम से एक पुलिस रिजर्व की तैनाती की गई थी, लेकिन गाड़ियां न होने के कारण पुलिस की रिजर्व को खनन स्थल तक पहुंचने और कार्रवाई करने में दिक्क्त पेश आ रही थी. जिसके बाद डीसी ऊना ने खनन विभाग की ओर से पुलिस को तीन गाड़ियां दी है.
इन गाड़ियों से ही पुलिस जवान अवैध खनन की गतिविधियों वाले स्थान पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम (UNA ADMINISTRATION ACTION ON ILLEGAL MINING) देंगे. इससे पहले खनन विभाग द्वारा खनन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस को दो ड्रोन भी दिए गए थे. गौरतलब है कि जिला ऊना की स्वां नदी और इसकी सहायक खड्डों में अवैध खनन की गूंज एनजीटी तक पहुंची थी, जिसके बाद एनजीटी की टीम ने ऊना का दौरा कर जिला प्रशासन को इस मामले में सख्ती के निर्देश दिए थे.
ऊना बना खनन गतिविधियों का गढ़:जिला ऊना खनन गतिविधियों का गढ़ माना जाता है और कानूनी खनन की आड़ में अवैध खनन के मामले भी लगातार सामने आते रहे हैं. जिला ऊना में खनन गतिविधियां हमेशा ही विपक्षी दलों के लिए राजनितिक मुद्दा रहा है. वहीं कुछ समय पहले ही जिले की स्वां नदी में अवैध खनन का मामला एनजीटी तक भी पहुंच गया था जिसके बाद एनजीटी ने सेवानिवृत न्यायाधीश की अगुवाई में एक टीम को जिला ऊना का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करवाई थी. एनजीटी की जिला ऊना में दस्तक के बाद जहां प्रशासन, खनन विभाग और पुलिस पर सवाल उठना शुरू हो गए थे, वहीं सरकार की भी काफी किरकिरी हुई थी.