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'सवर्ण आयोग के गठन का विरोध हमने नहीं किया, लेकिन आरक्षण शव यात्रा निकालने वालों पर हो कार्रवाई'

ऊना के नगर परिषद मैहतपुर-बसदेहड़ा में विभिन्न दलित संगठनों ने संयुक्त रूप से परिनिर्वाण दिवस को लेकर पद यात्रा भी निकाली. दलित नेताओं ने प्रदेश भर में निकाली जा रही सवर्ण अधिकार यात्रा को लेकर भी जमकर जुबानी तीर छोड़े. बसदेहड़ा में एकत्रित हुए दलित संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एक सुर में सवर्ण अधिकार यात्रा निकालने वालों के खिलाफ (Dalit organizations protest in Una) कार्रवाई की मांग की. दलित संगठनों का कहना है कि उन्होंने कभी भी सवर्ण आयोग के गठन का विरोध नहीं किया है, लेकिन इस आयोग के गठन की मांग को लेकर निकाली जा रही आरक्षण शव यात्रा और उसके बाद सवर्ण अधिकार यात्रा (SWARN ADHIKAR YATRA HIMACHAL) के दौरान दलितों पर किए गए कटाक्ष सहन नहीं किए जा सकते हैं.

Dalit organizations protest in Una
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Published : Dec 4, 2021, 3:31 PM IST

ऊना: जिला ऊना के नगर परिषद मैहतपुर-बसदेहड़ा में विभिन्न दलित संगठनों ने संयुक्त रूप से परिनिर्वाण दिवस को लेकर पद यात्रा भी निकाली. दलित नेताओं ने प्रदेश भर में निकाली जा रही सवर्ण अधिकार यात्रा को लेकर भी जमकर जुबानी तीर छोड़े. दलित संगठनों ने सवर्ण अधिकार यात्रा (SWARN ADHIKAR YATRA HIMACHAL) पर हल्ला बोल करते हुए सरकार और प्रशासन को भी आड़े हाथों लिया.

उन्होंने कहा कि सवर्ण आयोग के गठन से दलित संगठनों (Dalit organizations protest in Una) को कोई भी एतराज नहीं है, लेकिन सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर निकाली जा रही आरक्षण की शव यात्रा और फिर उसके बाद सवर्ण अधिकार यात्रा में दलित संगठनों के खिलाफ की जा रही बयानबाजी बर्दाश्त से परे है. उन्होंने कहा कि जिले में लागू की गई धारा-144 के दौरान सवर्ण समाज द्वारा सवर्ण अधिकार यात्रा निकाली गई प्रशासन को इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लानी चाहिए.

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जिला ऊना के तहत नगर परिषद मैहतपुर-बसदेहड़ा में स्थित गुरु रविदास मंदिर परिसर में शुक्रवार को विभिन्न दलित संगठनों ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को श्रद्धा सुमन अर्पित किए वहीं, दूसरी तरफ सवर्ण समाज को भी जमकर निशाने पर लिया. बसदेहड़ा में एकत्रित हुए दलित संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एक सुर में सवर्ण अधिकार यात्रा निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. दलित संगठनों का कहना है कि उन्होंने कभी भी सवर्ण आयोग के गठन का विरोध नहीं किया है, लेकिन इस आयोग के गठन की मांग को लेकर निकाली जा रही आरक्षण शव यात्रा और उसके बाद सवर्ण अधिकार यात्रा (SWARN ADHIKAR YATRA HIMACHAL) के दौरान दलितों पर किए गए कटाक्ष सहन नहीं किए जा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन मूकदर्शक बने बैठे हैं. धारा-144 लागू करने के बावजूद सैकड़ों लोग यात्रा निकालकर कानून की धज्जियां उड़ाते हैं और प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने से कुछ होने वाला नहीं है. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए. इस दौरान नगर परिषद संतोषगढ़ के पूर्व पार्षद और दलित नेता रवि कांत बस्सी (Dalit leader Ravi Kant Bassi) ने कहा कि सभी दलित संगठन एकजुट हैं.

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