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ऊना में भारतीय किसान यूनियन ने मनाया विश्वासघात दिवस, इंडिया गेट पर धरने की दी चेतावनी

भारतीय किसान यूनियन ऊना इकाई द्वारा सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाया (una farmers celebrated betrayal day) गया. यूनियन के सदस्यों ने केंद्र की मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन पत्र भी (Bharatiya Kisan Union Una Unit) भेजा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने प्रधानमंत्री से जल्द से जल्द उनके साथ किए गए वायदों को पूरा करने की मांग की है. साथ ही संसद भवन और इंडिया गेट पर धरने की चेतावनी भी दी.

Bharatiya Kisan Union Una Unit
भारतीय किसान यूनियन ऊना इकाई

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Published : Jan 31, 2022, 5:40 PM IST

ऊना:भारतीय किसान यूनियन ऊना इकाई के राज्याध्यक्ष अनिंदर सिंह नोटी की अगुवाई में किसानों ने जिला मुख्यालय पर राज्य स्तरीय विश्वासघात दिवस (Bharatiya Kisan Union Una Unit) मनाया. किसानों ने दिल्ली में किसान आंदोलन की वापसी के समय सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने के लिए किए गए वायदों के पूरा न होने के चलते किसानों ने जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन पत्र भी भेजा.

इस मौके पर किसानों ने ये भी चेतावनी दी कि दिल्ली में इस बार किसान आंदोलन और भी उग्र और व्यापक (una farmers celebrated betrayal day) होगा. उन्होंने कहा कि कई विषयों पर सहमति के बावजूद भी आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. एमएसपी पर विचार के लिए कमेटी का गठन नहीं किया गया है. बिजली बिल पर भी कोई चर्चा नहीं की जा रही है. उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड सहित अन्य राज्यों में भी किसानों के मुकदमें वापस नहीं किए गए हैं.

यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिंदर सिंह नॉटी ने कहा कि दिल्ली में कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे आंदोलन के समझौते के समय कुछ मुद्दों पर किसान संगठनों और सरकार के बीच सहमति बनी थी. जिसके संबंध में कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के सचिव ने 9 दिसम्बर 2021 को लिखित पत्र भेजा गया (Betrayal Day in Una) था. पत्र में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार किसानों को एमएसपी मिलनी सुनिश्चित किये जाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाना था, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को भी शामिल करना था.

वहीं किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाने थे, केस वापस लेने की सहमति उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की गयी है. भारत सरकार से संबंधित विभाग और एजेंसियों और दिल्ली सहित सभी संघ शासित क्षेत्रों में आंदोलनकारी और समर्थक पर दर्ज किये गये आंदोलन संबंधित सभी केस भी तत्काल प्रभाव से वापिस लेने की सहमति बनी थी, लेकिन कोई केस वापस नहीं हुआ.

वहीं उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखीमपुर की घटना में घायल किसानों को भी मुआवजा नहीं दिया गया है. लखीमपुर की घटना में संलिप्त अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि अबकी बार धरना दिल्ली की सीमाओं पर नहीं संसद भवन और इंडिया गेट पर होगा.

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