ऊना: पक्षियों में पाई जाने वाली बीमारी बर्ड फ्लू को लेकर एक बार फिर हिमाचल प्रदेश (bird flu alert in Una) के मैदानी इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल, केरल और राजस्थान में बर्ड फ्लू (Bird flu in Kerala and Rajasthan) के मामले सामने आए हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में इस बीमारी की रोकथाम के लिए अभी से स्थानीय प्रशासन ने कारगर कदम उठाना शुरू कर दिया है.
पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश (Animal Husbandry Department HP) ने जिला में विदेशी परिंदो के आने के मौसम के चलते वन विभाग से भी संपर्क किया गया है. वहीं, बर्ड फ्लू हिमाचल तक न पहुंचे इसके दृष्टिगत मुर्गी पालक व लोग को एहतिहात बरतने की नसीहत (poultry farming instructed to take precautions) दी है. पशुपालन विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए मुर्गी पालकों व लोगों से अपील की है कि प्रवासी पक्षियों से फ्लू का वायरस पालतू मुर्गियों में न फैले इसके लिए बीमारी की रोकथाम व नियंत्रण के लिए एहतिहात (Animal Husbandry Department instructed poultry farming) बरतना आवश्यक हैं.
मुर्गी पालकों को फार्म व बाड़े में जाने के लिए अलग कपड़ों तथा जूतों का इस्तेमाल करना चाहिए. फार्म व बाड़े के बाहर फुटपाथ बनाएं, जिसमें फिनायल अथवा अन्य कीटाणुनाशक घोल का प्रयोग करें. फार्म व बाड़े में जाने से पहले साबुन से हाथ धो कर जाएं. फार्म या बाड़े के चारों तरफ नियमित रूप से चूने का छिड़काव करें. फार्म में पड़े छिद्रों को बंद करें, जिनमें चूहे व नेवले अंदर प्रवेश न कर सकें. फार्म व बाड़े के चारों ओर उगी ऊंची झाड़ियां व ऊंचे पेड़ों की टहनियों काट दें. जिन मुर्गी पालकों ने कुत्ते पाल रखें है उन्हें बांध कर रखें. मुर्गी पालकों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मांसाहारी व प्रवासी पक्षियों का मल किसी भी तरीके से फार्म में रखी मुर्गियों के संपर्क में न आए और पक्षियों अथवा मुर्गियों की अचानक मृत्यु होने पर तुरंत निकटतम पशु चिकित्सा संस्थान को जानकारी दें.