अभिनेता आयुष शर्मा आज रात पहुंचेंगे मंडी, दादा सुखराम को देंगे अंतिम विदाई:पंडित सुखराम के निधन के बाद उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए मुंबई से छोटे पोते आयुष शर्मा आज रात तक मंडी (Ayush Sharma will reach Mandi today)पहुंचेंगे.वहीं, उनकी पत्नी और बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की बहन अर्पिता वीरवार सुबह आएंगी.यहां पढ़ें पूरी खबर...
पंडित सुखराम थे गैर कांग्रेसी गठबंधन सरकार के सूत्रधार, धूमल ने किस्सा किया याद:संचार क्रांति के लिए पहचाने गए पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में गैर कांग्रेसी गठबंधन सरकार के सूत्रधार थे. साल 1998 में उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस का गठन कर भाजपा को सहयोग देकर प्रदेश में सरकार बनाई (Prem Kumar Dhumal on Pandit Sukhram)थी.यहां पढ़ें पूरी खबर...
कांग्रेस कार्यलय में शोक सभा का आयोजन, प्रतिभा सिंह सहित कई नेताओं ने दी पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम को श्रद्धाजंलि:पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के निधन पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह कई कांग्रेस नेताओं ने पंडित सुखराम के निधन पर शोक जताया है. इसी कड़ी में कांग्रेस कार्यालय शिमला में शोक सभा का आयोजन किया गया (Condolence meeting in congress office shimla) और उनकी आत्मा की शांति के दो मिनट का मौन रखकर आत्मा की शांति के लिए प्राथना की गई.यहां पढ़ें पूरी खबर...
जमीन से शुरू हुआ और आकाश तक पहुंचा था तुंगल के शेर का राजनीतिक सफर, सुखराम की सुनी-अनसुनी कहानियां:पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम (pandit sukh ram passes away) के निधन से हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर है. पंडित सुखराम का जन्म 27 जुलाई 1927 को हुआ था. राजनीति में आने से पहले वे नौकरी करते थे. वर्ष 1962 में नगर परिषद मंडी के सचिव पद की नौकरी त्यागकर वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और कांग्रेसी दिग्गज एवं स्वतंत्रता सेनानी कृष्णानंद को हराकर राजनीति की धमाकेदार शुरुआत की. यहां पढ़ें पूरी खबर...
पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का निधन, तस्वीरों के माध्यम से देखिए अब तक का सफर:पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम (pandit sukh ram passes away) का निधन हो गया है. दिल्ली स्थित एम्स में पंडित सुखराम ने अंतिम सांस ली. बीती रात को पंडित सुखराम को फिर से दिल का दौरा पड़ा, जिस कारण उनका देहांत हो गया. सुखराम को तुंगल का शेर भी कहा जाता था. उनका जन्म मंडी जिला की तुंगल घाटी के कोटली गांव में हुआ था और इसी कारण उन्हें तुंगल का शेर कहा जाता था. यहां पढ़ें पूरी खबर...