Ambedkar Jayanti 2022: संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को पूरा देश कर रहा नमन:डॉ. भीमराव अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने 2015 में 14 अप्रैल को देशभर में आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया था.
बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर सीएम जयराम ने दी श्रद्धांजलि:हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर समेत कई दिग्गजों ने भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि (cm jairam on bhimrao ambedkar) अर्पित की है. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है. वर्ष 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया.
सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को बैसाखी पर्व की बधाई दी:बैसाखी पर्व पर हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर (cm jairam thakur on baisakhi festival ) समेत कई दिग्गजों ने प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. देश के अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है जैसे कि असम में बिहू (bihu in assam), केरल में पूरम विशु और बंगाल में नबा वर्षा के नाम से लोग इसे मनाते हैं.
अंबेडकर ने कहां से ली थी अर्थशास्त्र की शिक्षा, क्यों वह रुपये के अवमूल्यन के पक्ष में थे:भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की आज 131वीं जयंती मनाई जा रही है. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है. आजाद भारत के वह पहले कानून एवं न्याय मंत्री थे. अंबेडकर जंयती को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में जाना जाता है. लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि अंबेडकर प्रशिक्षित भारतीय अर्थशास्त्रियों की पहली पीढ़ी से थे. अर्थशास्त्र की विधिवत शिक्षा प्राप्त करनेवाले पहले भारतीय राजनेता भी थे, जिनके शोधपत्र जाने-माने अकादमिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके थे. पढ़ें ईटीवी भारत पर विशेष अंबेडकर जयंती पर...
हिमाचल में चार से पांच फीसदी वोट स्विंग कर देता है सत्ता का फैसला, आप के आने से रोचक होगी चुनावी जंग:हिमाचल में सत्ता का गणित केवल चार से पांच फीसदी के अंतर से ही बदलाव ला देता है. हिमाचल में वोटिंग परसेंट 70 फीसदी (Voting Percentage in Himachal) से अधिक ही रहता है. चार राज्यों में सत्ता में वापसी के बाद से भाजपा के हौसले बुलंद हैं. वहीं, दूसरी ओर मौजूदा समय में वीरभद्र सिंह के कुशल नेतृत्व के बिना कांग्रेस एक नई परिस्थितियों में चुनाव लड़ेगी. ऐसे में कांग्रेस की चुनौती और आम आदमी पार्टी के पहाड़ की राजनीति (Aam Aadmi Party in Himachal) में आगमन को भी देखना दिलचस्प होगा.