सोलन:राज्य स्तरीय शूलिनी मेले का दूसरा दिन कौरवों- पांडवों की संस्कृति को अभिवक्त करता खेल ठोडा के नाम रहा. ठोडा खेल में बजने वाले ढोल-नगाड़ों एवं शहनाई की धुन पर पूरा सोलन शहर नाच उठा. सोलन के रेस्ट हाउस से शुरू हुआ ठोडा नृत्य (Thoda Dance In Maa Shoolini Fair) ऐतिहासिक ठोडो मैदान में खेल के साथ संपन्न हुआ. इस दौरान शिमला एवं सिरमौर जिले से पहुंची चार टीमों ने ठोडा खेल में अपनी धनुर्विद्या का जबरदस्त नमूना पेश किया.
Maa Shoolini Fair: शूलिनी मेले में ठोडा नृत्य कर साधे एक-दूसरे पर तीर से निशाने - शूलिनी मेले का इतिहास
सोलन के रेस्ट हाउस से शुरू हुआ ठोडा नृत्य (Thoda Dance In Maa Shoolini Fair) ऐतिहासिक ठोडो मैदान में खेल के साथ संपन्न हुआ. इस दौरान शिमला एवं सिरमौर जिले से पहुंची चार टीमों ने ठोडा खेल में अपनी धनुर्विद्या का जबरदस्त नमूना पेश किया.
शूलिनी मेले में ठोडा नृत्य
पारंपरिक नाटियों की धुन पर होने वाले इस नृत्य का सोलन भी कायल हुआ. ठोडो दलों के रूप में मुख्य रूप से रासू मानदर, ठियोग के शिलारू, चौपाल के झिना व ठियोग की ट्राइपीरन के दल शामिल थे. ठोडो मैदान में इन सभी दलों ने एक-दूसरे पर करीब एक घंटे तक धनुष बाण से प्रहार कर लोगों का जबरदस्त मनोरंजन किया.
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