सोलन: मशहूर लेखक खुशवंत सिंह की याद में कसौली में आयोजित आठवें लिटफेस्ट के दौरान लद्दाख से आये पूर्व कर्नल और महावीर चक्र विजेता सोनम वांगचुक ने अनुच्छेद 370 पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाना बहुत जरूरी था, लेकिन अनुच्छेद 370 को हटाने से पहले जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करने की जरूरत थी. सोनम वांगचुक ने बताया कि अचानक से आये इस निर्णय के लिए घाटी के लोग तैयार नहीं थे. अब वे मौजूदा हालात को समझ नहीं पा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि लद्दाख की आबादी सीमित है और पानी के साधन भी बहुत कम है. पहले लद्दाख में सिर्फ वहीं के लोग जमीन ले सकते थे, लेकिन अब कोई भी वहां घर या होटल बना सकता है.
सोनम वांगचुक ने बताया कि जितनी जनसंख्या बढ़ेगी प्राकृतिक तौर पर उपलब्ध साधनों का दोहन भी उतना ही बढ़ेगा. इससे आने वाले समय में प्राकृतिक संसाधनों की कमी हो सकती है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को इन सभी विषयों पर पहले ही सोच विचार कर लेना चाहिए था.
सोनम वांगचुक ने बताया कि लद्धाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की पुरानी मांग पूरी हुई है, लेकिन अभी भी बहुत से लोग इसके समर्थन में नहीं हैं. केंद्र सरकार को अब जम्मू कश्मीर के लोगों का खास ख्याल रखना होगा और उनके हितों के साथ किसी भी तरह की अनदेखी नहीं होनी चाहिए.