सोलन: भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र सरकार के रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 'अग्निपथ योजना' लॉन्च (Agnipath Recruitment Scheme) की है. इस योजना का मुख्य लक्ष्य तीनों सेनाओं में युवाओं को जोड़ना और उन्हें भविष्य के लिए कुशल नागरिक बनाना है. वही अग्नीपथ योजना को लेकर पूर्व मंत्री व सोलन विधायक रिटायर्ड कर्नल धनीराम शांडिल ने तीखे तेवर दिखाए हैं उनका कहना है कि अग्निपथ योजना चलाकर सेना में 4 साल की सेवा देने के बाद युवाओं को बेरोजगारी की तरफ धकेलने का प्रयास मोदी सरकार कर रही है.
Agnipath Recruitment Scheme से सेना भर्ती को ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्स में बदलना चाह रही मोदी सरकार: धनीराम शांडिल
भारतीय सेनाओं में भर्ती के लिए केंद्र सरकार के रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने 'अग्निपथ योजना' लॉन्च (Agnipath Recruitment Scheme) की है. जिस पर पूर्व मंत्री व सोलन विधायक धनीराम शांडिल ने तीखे तेवर दिखाए हैं. उनका कहना है कि अग्निपथ योजना चलाकर सेना में 4 साल की सेवा देने के बाद युवाओं को बेरोजगारी की तरफ धकेलने का प्रयास मोदी सरकार कर रही है.
विधायक धनीराम शांडिल (MLA Dhani ram Shandil) ने कहा कि 4 सालों की सेवाएं देने के लिए ठेकेदारी प्रथा को सेना भर्ती में मोदी सरकार लाना चाहती है उन्होंने कहा कि वे खुद भी सेना में रहे हैं 35 साल तक उन्होंने अपनी सेवाएं सेना में दी है तीन युद्ध भी देखे हैं लेकिन जिस तरह से सरकार ने यह फैसला लिया है वह गलत है. शांडिल ने कहा कि जिस तरह से नोटबंदी और जीएसटी का फैसला सरकार का गलत साबित हुआ था उसी तरह यह फैसला भी गलत साबित होने वाला है.
विधायक धनीराम शांडिल ने कहा कि हिमाचल एक वीरभूमि है यहां पर 13.9% पूर्व सैनिक है वहीं करीब डेढ़ लाख युवा सेना में है 4 साल तक सेवाएं देने से कुछ नहीं होने वाला है 4 साल में कोई भी व्यक्ति यह नहीं समझ पाएगा कि किस तरह से कार्य करना है. उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से पहले ही देश को खोखला मोदी सरकार कर चुकी है वहीं अब योजना लाकर एक बार फिर ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्स की तरह सेना भर्ती को किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब सेना से 4 साल बिता कर युवा घर आएंगे तो वह किस तरह से कार्य करेंगे और क्या अपद्र्व करेंगे यह किसी भी नहीं पता है. उन्होंने कहा कि नेशनल प्लानर को इस की ओर ध्यान देकर इसे रिवाइज करना चाहिए ताकि यह फैसला गौरवमई बन सके.