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पार्टी के कुछ नेता मेरे खिलाफ कर रहे षड्यंत्र, हाईकमान से बातकर 2022 में लड़ूंगा पच्छाद से चुनाव: मुसाफिर

भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुईं दयाल प्यारी को प्रदेश में सचिव पद दिए जाने को लेकर पच्छाद कांग्रेस के बड़े नेताओं में नाराजगी दिखाई दे रही है. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर ने पच्छाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं संग एक बैठक की. गंगूराम मुसाफिर ने कहा कि उनके खिलाफ पच्छाद में कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा षड्यंत्र किया जा रहा है. अब मजबूरन उन्हें 2022 का चुनाव लड़ना पड़ेगा और इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं. इस बात को वे हाईकमान के सामने भी रखेंगे.

solan Former Pachhad MLA Ganguram Musafir held a meeting with party workers
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Published : Nov 10, 2021, 5:34 PM IST

सोलन: 2022 के चुनाव से पहले एक बार फिर पच्छाद में कांग्रेस में अंतर्कलह की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, पच्छाद में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुईं दयाल प्यारी को प्रदेश में सचिव पद दिए जाने को लेकर पच्छाद कांग्रेस के बड़े नेताओं में नाराजगी दिखाई दे रही है. सोलन में बुधवार को पूर्व मंत्री और पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर ने पच्छाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं संग एक बैठक की, जिसमें आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर रणनिति तैयार की गई.


इस दौरान मीडिया से बातचीत में गंगूराम मुसाफिर ने कहा कि उनके खिलाफ पच्छाद में कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा षड्यंत्र किया जा रहा है. इन दिनों पच्छाद में अंतर्कलह की स्थिति इसलिए पैदा हो रही है क्योंकि कांग्रेस के बड़े नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले ही भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुईं दयाल प्यारी को कांग्रेस नेताओं ने उच्च पद दिया गया है, जो कि गलत है और इसको लेकर पच्छाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में रोष है.

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उन्होंने कहा कि जिन लोगो ने पूरी उम्र कांग्रेस की सेवा में लगा दी. आज उन कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब वे अपनी बात रखने के लिए शिमला गए तो उनकी बात को कांग्रेस नेताओं द्वारा नहीं सुना गया. जिसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में रोष है. उन्होंने कहा कि आज उनकी बात सुनने के लिए कांग्रेस के बड़े नेता तैयार नहीं है.

उन्होंने कहा कि पच्छाद के कांग्रेस कार्यकर्ता अनुशासित हैं, क्योंकि पच्छाद राजा की कर्मभूमि और डॉक्टर परमार की जन्मभूमि रही है. उन्होंने कहा कि जब पानी सर से ऊपर चढ़ चुका है तो कोई अब कदम तो उठाना ही पड़ेगा. गंगूराम मुसाफिर ने कहा कि उनका अभी तक कोई भी विचार पच्छाद से विधानसभा चुनाव लड़ने का नहीं था, लेकिन जिस तरह से उनके खिलाफ पच्छाद में कांग्रेस के नेताओं द्वारा षड्यंत्र किया जा रहा है. अब मजबूरन उन्हें 2022 का चुनाव लड़ना पड़ेगा और इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं. इस बात को वे हाईकमान के सामने भी रखेंगे.

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