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बैंकों के निजीकरण का विरोध: सोलन में बैंक हड़ताल, मॉल रोड पर बैंक कर्मियों ने निकाली रैली

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Published : Dec 16, 2021, 12:48 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 4:15 PM IST

सोलन में बैंकों के निजीकरण के विरोध (Opposing bank privatization) में जिले भर के 10 हजार बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यूनाइटेड फॉर्म बैंक यूनियंस ने यह देश व्यापी हड़ताल (National wide bank strike) बुलाई है. 2 दो दिनों तक बैंक (2 days bank strike) बंद रहने के आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

solan bank employee unions
फोटो.

सोलन: बैंकों के निजीकरण का विरोध (Opposing bank privatization) पूरे देश में हो रहा है. बैंक कर्मियों ने राष्ट्रव्यापी धरने के दौरान गुरुवार को सोलन मॉल रोड पर रैली निकाल अपनी दो दिवसीय हड़ताल शुरू (solan bank employee unions) की है. सोलन में हड़ताल के पहले दिन जिले भर के 10 हजार बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. यूनाइटेड फॉर्म बैंक यूनियन के जिला सह संयोजक नन्दलाल परिहार ने बताया कि बैंकों के निजीकरण से देश बर्बाद हो जाएगा. वहीं, निजीकरण के बाद लोगों का पैसा बैंकों में सुरक्षित नहीं रह पाएगा.


उन्होंने कहा कि बैंक अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन सरकार इस रीढ़ को समाप्त कर पूंजीपतियों का सहयोग करना चाहती है. जिससे देश बर्बाद होने की कगार पर है. उन्होंने बताया कि बैंकों के निजीकरण से बैंक कर्मियों को ही नुकसान नहीं होगा, बल्कि इससे जनता की कमाई भी बैंकों में सुरक्षित नहीं रहेगी. उन्होंने बताया कि संसद के चालू सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक पेश किया जा रहा है ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किया जा सके.

वीडियो.

पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से ऐसा कदम उठाया जा रहा है. यूएफबीयू के तहत बैंकों की नौ यूनियन आती हैं. केंद्र सरकार द्वारा संसद में बैंकों के निजीकरण के बारे में पेश होने वाले बिल का विरोध करने के लिए बैंककर्मी यह हड़ताल कर रहे हैं.


बता दें कि निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में 16 और 17 दिसंबर को बैंकों की देशव्यापी हड़ताल है. हिमाचल प्रदेश बैंक कर्मचारी भी दो दिनों की हड़ताल पर रहेंगे. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस द्वारा हड़ताल का आह्वान (National wide bank strike) किया गया है. इस हड़ताल का सीधा असर बैंक के कामकाज पर पड़ेगा, जिससे आम लोगों को मुश्किलें आना लाजमी है. वहीं, दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते लोगों की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल की शुरुआत में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. इससे पहले सरकार ने 2019 में आईडीबीआई बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर दिया था.

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Last Updated : Dec 16, 2021, 4:15 PM IST

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