सोलन:केंद्र सरकार की अनुमति के बाद देश के कई राज्य सरकारों ने स्कूलों को खोलने का फैसला लिया है. इसी कड़ी में हिमाचल की जयराम सरकार ने भी स्कूलों को खोलने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. स्कूल प्रबंधन भी तैयारियों में जुट गए हैं, लेकिन सरकार के इस फैसले पर कई अभिभावकों ने आपत्ति जताई है. ऐसे में सरकार के स्कूल खोलने के फैसले पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने जब सोलनवासियों से इस बारे में राय जाना तो उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए इस समय सरकार की ओर से स्कूलों को खोलने का लिया गया फैसला सही नहीं है. परिजनों ने माना कि कोरोना के चलते पढ़ाई प्रभावित्त जरूर हुई है लेकिन फिलहाल जब तक कोविड की वैक्सीन नहीं बन जाती है या कोई पुख्ता इंतजाम सरकार की ओर से नहीं किए जाते हैं तब तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जाना चाहिए.
अभिभावकों का कहना है कि प्रदेश में रोज कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में स्कूल खोलना सही नहीं है. लोगों का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच रही है. अगर सरकार के पास पूरी सुविधाएं नहीं है तो स्कूल खोलने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
वहीं, कुछ लोग सरकार के फैसले का समर्थन भी करते हुए नजर आए हैं. लोगों की मिली-जुली राय देखने को मिली है. बता दें कि शुक्रवार को मंत्रिमंडल में लिए गए फैसले के तहत 21सितंबर से मात्र उन्हीं स्कूलों को खोला जाएगा जो कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं, जबकि कंटेनमेंट जोन में जो स्कूल है वो बंद रहेंगे. स्कूलों में कक्षाएं नहीं लगेगी मात्र परामर्श के लिए ही छात्र स्कूल आ सकेंगे, लेकिन 50 फीसदी शिक्षक जरूर स्कूल आएंगे.
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