सोलन: हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस महामारी घोषित हो चुकी है. वहीं, लगातार बढ़ रहे (lampy Virus in Himachal) मामलों को देखते हुए किसान भी परेशान दिखाई दे रहे हैं. जिला सोलन की अगर बात कि जाए तो जिला सोलन में लंपी वायरस के 1,251 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 100 मामले रिकवर हो चुके हैं. वहीं, 1,151 पशुओं का इलाज अभी भी जिले में चल रहा है. जिले में अभी तक लंपी वायरस से 25 पशुओं की मौत हो चुकी है.
पशुपालन विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ. बीबी गुप्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में लगातार लंपी वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. जिले में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसको रोकने के लिए लगातार गांव-गांव में जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि यदि पशुओं में लंपी वायरस के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें स्वस्थ पशुओं से दूर रखे, ताकि उनका उपचार समय से करवाया जा सके.
उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक 4000 वैक्सीनेशन (lumpy virus in solan) पशुओं की जा चुकी है. वहीं, 9000 वैक्सीन अभी आनी है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में इसे पशुओं को लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों में वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. जहां पर लंपी वायरस की बीमारी फैली हुई है. उन्होंने बताया कि जिला में अभी तक 1251 मामले लंपी वायरस के सामने आ चुके है.
क्या है लंपी वायरस: लंपी वायरस, पशुओं (what is lampy virus) में फैलने वाला एक चर्म रोग (Lampy Skin Desease) है. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी इसका संक्रमण बढ़ा है. जानकारी के मुताबिक, इस वायरस की देश में एंट्री पाकिस्तान के रास्ते हुई है. इस बीमारी से ग्रसित जानवरों के शरीर पर सैकड़ों की संख्या में गांठे उभर आती हैं. साथ ही तेज बुखार, मुंह से पानी टपकना शुरू हो जाता है. इससे पशुओं को बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है. उसे चारा खाने और पानी पीने में भी परेशानी होती है. यह एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छर, मक्खी और जूं आदि के काटने या सीधा संपर्क में आने से फैलती है. कम प्रतिरोधक क्षमता वाली गायें शीघ्र ही इस वायरस की शिकार हो जाती है. बाद में यह वायरस एक से दूसरे पशुओं में फैल जाता है.