सोलन:जिला सोलन में अब लंपी वायरस के मामलों में गिरावट आने लगी (Lumpy virus cases decreased in Solan) है. 2 सप्ताह पहले जहां लंपी वायरस के रोजाना 350 मामले सामने आ रहे थे. वहीं अब 250 से 300 मामले ही रोजाना सामने आ रहे हैं. पिछले 2 सप्ताह में लंपी वायरस के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है. जिसको लेकर पशुपालन विभाग ने भी राहत की सांस ली है. पशुपालन विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ. बीबी गुप्ता ने बताया कि जिला में जब से लंपी वायरस के मामले सामने आए हैं, तब से पशुपालन विभाग सतर्क है.
उन्होंने कहा कि जिले में अब तक लंपी वायरस (Lumpy virus cases in Himachal) के 12 हजार मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें से 7500 पशु ठीक भी हो चुके हैं. डॉ. गुप्ता ने बताया कि जिले में अभी भी 4000 पशु इस वायरस से ग्रसित हैं. उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक लंपी वायरस से 706 पशुओं की मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जिले में लगातार लंपी वायरस (lumpy virus in Himachal) को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
सोलन में लंपी वायरस के मामलों में आई गिरावट. लोगों को किया जा रहा जागरूक: उन्होंने कहा कि अभी तक पशुपालन विभाग सोलन द्वारा जिले की 240 पंचायतों में से 82 पंचायतों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जा चुके हैं. जिसमें कैसे पशुओं का बचाव लंपी वायरस से किया जा सकता है, इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. डॉ. बीबी गुप्ता ने बताया कि पशुपालन विभाग लगातार लंपी वायरस की रोकथाम के लिए कार्य कर रहा है. जिला की 82 पंचायतों में अभी तक लोगों को वायरस से बचाव के बारे में जागरूक किया जा चुका है.
वैक्सीनेशन भी जोरों पर: उन्होंने बताया कि जागरूकता कार्यक्रम के साथ-साथ जिले में पशुओं की वैक्सीनेशन का कार्य भी जोरों शोरों पर चला हुआ है. अभी तक जिले में 18,600 पशुओं का वैक्सीनेशन किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में वैक्सीनेशन की रफ्तार को विभाग द्वारा बढ़ाया जाएगा. वहीं, जिन गांव में लंपी वायरस से पशु रिकवर हो रहे हैं, उन गांव में भी अब वैक्सीनेशन की जाएगी. ताकि पशु लंपी बारिश की चपेट में न आए.
क्या है लंपी वायरस: लंपी वायरस, पशुओं (what is Lumpy virus) में फैलने वाला एक चर्म रोग (Lumpy Skin Disease) है. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी इसका संक्रमण बढ़ा है. जानकारी के मुताबिक, इस वायरस की देश में एंट्री पाकिस्तान के रास्ते हुई है. इस बीमारी से ग्रसित जानवरों के शरीर पर सैकड़ों की संख्या में गांठे उभर आती हैं. साथ ही तेज बुखार, मुंह से पानी टपकना शुरू हो जाता है. इससे पशुओं को बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है. उसे चारा खाने और पानी पीने में भी परेशानी होती है. यह एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छर, मक्खी और जूं आदि के काटने या सीधा संपर्क में आने से फैलती है. कम प्रतिरोधक क्षमता वाली गायें शीघ्र ही इस वायरस की शिकार हो जाती है. बाद में यह वायरस एक से दूसरे पशुओं में फैल जाता है.
लंपी वायरस से ऐसे बचाएं अपने पशुओं को: खास (Lumpy Skin Disease Vaccine) तौर से गायों में लगातार फैल रहे लंपी वायरस ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. गौशालाओं के बाहर पशुपालकों के पशु भी लंपी वायरस की चपेट में आने लगे हैं. राज्य सरकार इस वायरस पर नियंत्रण पाने के प्रयास कर रही है, लेकिन फिलहाल यह काबू में नहीं आया है. सरकार ने पशुपालकों से अपील की है कि वे जागरूकता (Lumpy Virus in Himachal) बरतते हुए अपनी गायों को इस वायरस की चपेट में आने से बचाएं. यह बीमारी लाइलाज है. ऐसे में एहतियात बरतना बेहद जरूरी है.
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