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पूर्ण राज्यत्व दिवस पर सोलन में दिखेगी लोक संस्कृति, दीवारों पर उकेरी जा रही कलाकृतियां

25 जनवरी 2021 को हिमाचल 50 साल का हो जाएगा. ऐसे में भाषा विभाग सोलन में हिमाचल की लोक संस्कृति और प्राचीन लोक परम्पराओं को शहर की दीवारों पर उकेरने का काम कर रहा है. इसमें बघाटी नाटी के नृत्य, सोलन रेलवे स्टेशन, बुद्ध मोनेस्ट्री, देवताओं की जातर को पेंटिंग के जरिए दर्शाया जा रहा है.

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Published : Dec 1, 2020, 2:06 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 2:52 PM IST

Language department is painting folk culture on walls in Solan
दीवारों पर की जा रही पेंटिंग.

पूर्ण राज्यत्व दिवस पर सोलन में दिखेगी लोक संस्कृति, दीवारों पर उकेरी जा रही कलाकृतियां

सोलन:हिमाचल प्रदेश एक छोटा सा राज्य जो आज विश्व स्तर पर विख्याति छोड़ रहा है. 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को 18वें राज्य के रूप में देश में स्थान मिला था. वहीं, अब 2021 में बर्फ की गोद में बसा 'हिम का आंचल' हिमाचल प्रदेश 50 वर्ष का होने वाला हैं. हिमाचल की लोक संस्कृति और प्राचीन लोक परम्पराएं आने वाली पीढ़ियों के बीच बची रहें, इसके लिए सोलन के ओल्ड डीसी आफिस की दीवारों पर सोलन से जुड़ी प्राचीन लोक परम्पराएं और लोक संस्कृति को दीवारों पर उकेरा जा रहा है.

दीवारों पर बनाई जा रही पेंटिंग

सोलन में जिला लोक भाषा विभाग द्वारा ये कार्य किया जा रहा है जिसमें सोलन की बघाटी नाटी के नृत्य को सोलन रेलवे स्टेशन, बुद्ध मोनेस्ट्री, देवताओं की जातर को पेंटिंग के माध्यम से दीवारों पर दर्शाया जा रहा है, सोलन ओल्ड डीसी ऑफिस के फुटपाथ के साथ लगती 10 दीवारों पर ये कलाकृतियां लोगों को देखने को मिलेगी.

वीडियो रिपोर्ट.

10-15 दिन में खत्म हो जाएगा काम

दीवारों पर कलाकृतियां बना रहे कलाकार विकास सिंह बताते हैं की लोक भाषा विभाग की ओर से उन्हें ये कार्य मिला हैं. उन्हें दीवारों पर सोलन से जुड़ी कलाकृतियां बनाने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि वे इस कार्य को अगले 10-15 दिनों में खत्म कर देंगे ताकि लोगों को सोलन से जुड़ी कलाकृतियां दीवारों पर देखने को मिलें.

तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने किया था ऐलान

जब बर्फ की सफेद चादर ओढ़े रिज मैदान पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का ऐलान किया था. वह बर्फ के बीच बमुश्किल अनाडेल से रिज मैदान तक पहुंची थी, कड़ाके की ठंड में यह घोषणा सुनने के लिए रिज मैदान पर हजारों लोग जमा थे. इस ऐलान के बाद रिज मैदान पर नाटियों का दौर शुरू हुआ था. उन्हीं सभी कलाकृतियों और यादों को याद में रखते हुए हिमाचल की लोक संस्कृति और लोक परंपराओं को आधुनिक पीढ़ी के सामने लाने के लिए दीवारों पर पेंटिंग कर एक संदेश दिया जा रहा है.

Last Updated : Dec 1, 2020, 2:52 PM IST

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