कसौली/सोलन:हिमाचल पथ परिवहन निगम की लापरवाही लगातार यात्रियों पर भारी पड़ती दिख रही है. शिमला से पालमपुर जाने वाली बस के शीशे न होने के बाद अब शिमला से पठानकोट जाने वाली बस खिड़की पर गत्ते लगाकर (cardboard on the window of HRTC bus) रूट पर भेजी गई. पठानकोट डिपो की बस में किए गए इस जुगाड़ के बाद निगम की कार्यप्रणाली पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं.
हैरत की बात है कि इस तरह का जुगाड़ एचआरटीसी ने नाइट सर्विस की बस में किया है. बस का रूट शिमला से पठानकोट का है और बस में सवारियों को सर्द रात में ठिठुरते हुए सफर करना पड़ा. जानकारी के अनुसार पथ परिवहन पठानकोट डिपो की एचपी 38 ई 2606 बस शुक्रवार को शिमला-पठानकोट रूट पर भेजी गई. लेकिन, बस को रूट पर भेजने से पहले निगम कर्मियों ने बस का वर्कशॉप पर पूरी तरह निरीक्षण नहीं किया और बस को लांग रूट पर भेज दिया.
शिमला से पठानकोट भेजी एचआरटीसी बस. शुक्रवार देर शाम जब बस शिमला से पठानकोट रूट (Shimla to Pathankot HRTC bus) पर शिमला से चलने लगी, तो यात्री दरवाजे के साथ वाली सीट पर बैठने से कतराने लगे. यात्रियों ने बस की खिड़की पर गत्ता देख दूसरे सीट पर बैठने में ही भलाई समझी. सोलन पहुंचने तक बस फुल हो गई थी और दो यात्रियों को मजबूरन गत्ते से ढकी खिड़की के पास बैठने पर मजबूर होना पड़ा.
इस जुगाड़ के बावजूद बस में हवा घुसती रही और यात्री ठिठुरते रहे. सवाल यह है कि जब निगम की ओर से ऐसी बसों को रूट पर भेजने के लिए मनाही है, तो बार-बार इस प्रकार की गलती क्यों की जा रही है. जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़े. उधर, पठानकोट डिपो (Pathankot Depot HRTC) के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें इस बारे कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा हुआ है, तो दोबारा इस बस को रूट पर नहीं भेजा जाएगा. बस को ठीक करवा दिया जाएगा.
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