हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

सोलन में राज्यपाल की पाठशाला, विद्यार्थियों से बोले: आगे बढ़ना है तो पढ़ने की आदत डालें - Governor Arlekar Solan visit

राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सोलन (Governor Arlekar Solan visit) के विद्यार्थियों के लिए आज का दिन यादगार क्षण बन गया जब प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उनकी कक्षा में आकर उनसे बातचीत की. बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि मनुष्य बनने का बहुत बड़ा साधन पुस्तकें हैं, जो हमेशा हमारे पास होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों को पढ़ने की आदत भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर यह आदत बचपन से होगी तो ज्ञान बढ़ता जाएगा और विषय का ज्ञान भी बढ़ेगा.

Governor Arlekar Solan visit
फोटो.

By

Published : May 28, 2022, 3:19 PM IST

सोलन: राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सोलन के विद्यार्थियों के लिए आज का दिन यादगार क्षण बन गया जब प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उनकी कक्षा में आकर उनसे बातचीत की. विद्यार्थियों के लिए यह अनुभव विशेष था. राज्यपाल स्कूल की कक्षा 9-ए में सुबह ठीक 10 बजकर 5 मिनट पर पहुंचे. कक्षा की दो विज्ञान शिक्षिकाओं की उपस्थिति में उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत की. 53 विद्यार्थियों की इस कक्षा में बच्चे उत्साहित थे और प्रश्नों के उत्तर देने और सवाल पूछने के लिए आतुर दिखे.

बातचीत में राज्यपाल (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने कहा कि मनुष्य बनने का बहुत बड़ा साधन पुस्तकें हैं, जो हमेशा हमारे पास होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों को पढ़ने की आदत भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर यह आदत बचपन से होगी तो ज्ञान बढ़ता जाएगा और विषय का ज्ञान भी बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि विषय को समझने के लिए अलग-अलग पुस्तकें पढ़ना आवश्यक हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पुरातन पुस्तकों में ज्ञान का भंडार छिपा है. देश में हिंदी के ऐसे कई महान उपन्यासकार, कहानीकार, कवि इत्यादि हुए हैं जिन्हें पढ़ने से हमारा जीवन समृद्ध होता है. उन लोगों के जीवन का हम अनुसरण कर सकते हैं.

वीडियो.

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से पूछा कि ज्ञान और विज्ञान में क्या (Governor Arlekar Solan visit) अंतर है. समाचार पत्र हम क्यों पढ़ते हैं. समाचार पत्र पढ़ने क्यों जरूरी है. उन्होंने पूछा कि किस-किस के घर में महापुरूषों की पुस्तकें हैं. इसके बाद, राज्यपाल ने हर विद्यार्थी को स्वयं लाई महापुरूषों की पुस्तकें भेंट की और कहा कि वे इन्हें पढ़ें और पढ़ने के बाद अपने अनुभव को चिट्ठी के माध्यम से उन्हें राजभवन भेजें. उन्होंने कहा कि वे जीवन में पढ़ने की आदत बना लें.

बाद में, राज्यपाल ने स्कूल के शिक्षकों के साथ बैठक की और शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. विद्यार्थियों के साथ उनकी बातचीत की प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा कि 'पढ़ेंगे तो टिकेंगे' के उद्देश्य को लेकर उन्होंने बच्चों को पढ़ने के प्रति प्रोत्साहित किया. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि विद्यार्थियों में पढ़ने की आदत बढ़ाने के लिए और प्रयास करें. बच्चों को दिशा देने की जरूरत है. वह कुशाग्र हैं, लेकिन हमारा कर्तव्य है कि हम उनके सामने उदहारण बनें रहे, ताकि उनमें नैतिक मूल्य भी बनें रहें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details