सोलन: प्रदेश में सोमवार से शिक्षण संस्थानों को नियमित रूप से खोलने के आदेशों के बाद स्कूलों में छात्र आना शुरू हो गए हैं. भले ही कोरोना वायरस की स्थिति में आज से स्कूल भी अनलॉक हो चुके हैं लेकिन अभी भी बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं. स्कूल खुलने पर स्कूल प्रबंधन की तैयारियों को लेकर ईटीवी भारत की टीम सोलन गर्ल्स पहुंची.
सोलन गर्ल्स स्कूल में 700 छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती है लेकिन कोरोना के चलते आज यहां सिर्फ पहली शिफ्ट में 17 छात्राएं ही पढ़ने के लिए पहुंची हैं. स्कूल प्रबंधन ने भी सोमवार से स्कूल खुलने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है. स्कूल खुलने से पहले आज स्कूल को पूरी तरह से सेनिटाइज किया गया. स्कूलों में बच्चों सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे इसके लिए भी स्कूल प्रबंधन ने कदम उठाए हैं.
कक्षाओं में एक समय पर सिर्फ 15 से 20 छात्राएं आ रही है. वहीं, अगर अधिक मात्रा में छात्राएं स्कूलों में आती है तो उसके लिए स्कूल प्रबंधन ने अलग कमरों में बैठने का प्रबंध किया गया है. गर्ल्स स्कूल सोलन की प्रिंसिपल अनीता कौशल का कहना है कि सरकार ने जो भी गाइडलाइंस स्कूल प्रबंधन को दी है, उसका स्कूल प्रबंधन पूरी तरह से पालन कर रही है.
स्कूल की प्रिंसिपल अनीता कौशल ने कहा कि रोजाना स्कूल को सेनिटाइज किया जाएगा. बच्चों के बैठने के लिए भी उचित प्रावधान किए गए हैं ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो सके. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन का पूरा स्टाफ भी स्कूल आ रहा है. उन्होंने कहा कि आज पहला दिन है जिस कारण बच्चे स्कूलों में कम पहुंच पाए हैं लेकिन आने वाले समय में बच्चों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अध्यापकों द्वारा भी बच्चों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह लोग कोरोना से ना डर कर स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने आए. वहीं, बच्चों में भी स्कूल आने पर खुश दिखाई दे रहे हैं.
बता दें कि ऑनलाइन कक्षाओं को भी सरकार लगातार छात्रों के लिए जारी रखेगी. सरकार ने छात्रों के लिए स्कूल तो खोल दिए हैं लेकिन अगर कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की ओर से अभिभावकों पर छोड़ दी गई है, सरकार की ओर से अभिभावकों की सहमति के लिए जो पत्र जारी किया गया है उसमें यह स्पष्ट लिखा गया है कि स्कूल में यदि किसी बच्चे को कोरोना संक्रमण होता है तो उसके लिए अभिभावक जिम्मेदार होगा.
सरकार की उसमें कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और ना ही माता-पिता स्कूल की जिम्मेदार नहीं ठहरा पाएंगे. ऐसे में अब अभिभावकों को ही सोच विचार कर अपने बच्चों को स्कूल भेजने का फैसला लेना होगा. प्रदेश सरकार ने स्कूलों को खोल दिया गया है लेकिन अभी भी जिम्मेदारी अभिभावकों की है कोरोना के डर में अभी छात्रों का आना भी कम है लेकिन स्कूल प्रबंधन ने आशा जताई जा रही है कि आने वाले समय में छात्राओं का आना शुरू हो जाएगा.
ये भी पढ़ें:अटल टनल से लाहौल पहुंच रहे पर्यटक, ताजा बर्फबारी का उठा रहे लुत्फ