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हंगामेदार रहा नगर निगम सोलन का जनरल हाउस, यात्री निवासी की रिकवरी के मुद्दे पर छिड़ी बहस - नगर निगम सोलन

नगर निगम सोलन का जनरल हाउस काफी हंगामेदार रहा. हाउस के (General House of Municipal Corporation Solan) अंदर रिकवरी को लेकर चर्चा हुई. नगर निगम सोलन के डिप्टी मेयर राजीव कौड़ा और वार्ड नं 09 के पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता में मोहन पार्क के पास बने यात्री निवास की 70 लाख की रिकवरी के मुद्दे को लेकर आपस मे तू-तू, मैं-मैं होनी शुरू हो गई.

General House of Municipal Corporation Solan
नगर निगम सोलन का जनरल हाउस

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Published : Apr 25, 2022, 4:55 PM IST

सोलन:नगर निगम सोलन के जनरल हाउस में उस वक्त गरमा गर्मी देखने को मिली जब, हाउस के अंदर रिकवरी को लेकर चर्चा होनी शुरू हुई. नगर निगम सोलन के डिप्टी मेयर राजीव कौड़ा और वार्ड नं 09 के पार्षद शैलेन्द्र गुप्ता में मोहन पार्क के पास बने यात्री निवास की 70 लाख की रिकवरी के मुद्दे को लेकर आपस मे तू-तू, मैं-मैं होनी शुरू हो गई.

पार्षद शैलेंद्र गुप्ता ने जनरल हाउस में ये मुद्दा उठाया कि नगर निगम सोलन (General House of Municipal Corporation Solan) अभी तक पहली रिकवरी पूरी नहीं कर पाई है, जिससे नगर निगम को घाटा हो रहा है. उन्होंने कहा कि आज तक यात्री निवास से 70 लाख की रिकवरी नहीं की गई. अगर ये हो जाती तो निगम को इससे आय हो सकती थी. उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम ये रिकवरी जान बूझकर नहीं करना चाहती है. इस बात को लेकर डिप्टी मेयर राजीव कौड़ा ने पार्षद शैलेंद्र गुप्ता को जवाब देते हुए कहा कि नगर निगम सोलन को अभी सिर्फ 1 साल ही हुआ है ऐसे में रिकवरी करने के लिए प्रोसेस जारी है.

नगर निगम सोलन का जनरल हाउस
उन्होंने कहा इससे पहले 5 साल तक नगर परिषद बीजेपी की रही, (recovery issue of MC Solan) लेकिन तब अपना फायदा देखने के लिए रिकवरी नहीं की गई. इसी बात को लेकर दोनो में बहस छिड़ गई. वहीं, दूसरी तरफ नगर निगम हाउस में ऑफलाइन टेंडर प्रक्रिया को लेकर भाजपा पार्षद ने आपत्ति जताई. जिसको लेकर भी हाउस में हंगामा देखने को मिला. बता दें कि, साल 2012 में मोहन पार्क के पास बने नगर निगम के यात्री निवास को (Passenger residence recovery issue of Solan) एक कम्पनी को किराए पर दिया गया था. जहां पर एक इंस्टीट्यूट बनाई जानी थी, इसको लेकर कंपनी द्वारा वहां तोड़-फोड़ की गई, ताकि यहां पर भवन सही से बनाया जा सके. लेकिन ये योजना सिरे न चढ़ सकी और कम्पनी काम छोड़कर भाग गई. वहीं, नगर परिषद द्वारा साल का 5 लाख किराया फिक्स किया गया था, जो आज बढ़कर 70 लाख तक पहुंच चुका है. बहरहाल नोटिस देकर इस रिकवरी को पूरा करने का प्रयास नगर निगम सोलन कर रही है.

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