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डॉ. राजेश्वर चंदेल ने संभाला नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार, बोले: किसान बागवानों की अपेक्षाओं पर उतरेंगे खरा - डॉक्टर राजेश्वर चंदेल

डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विवि के नए कुलपति के रूप में सोमवार को कार्यभार संभाला. विवि के नए कुलपति बनने के बाद डॉ. राजेश्वर चंदेल ने कहा कि वे प्रख्यात विश्वविद्यालय (Vice Chancellor of Nauni University solan) का दायित्व उन्हें दिए जाने पर प्रदेश के राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हैं साथ ही वे प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी इस जिम्मेदारी के लिए धन्यवाद करते हैं. उन्होंने कहा कि जो प्रदेश सरकार की व किसानों व बागवानों की इस विवि से अपेक्षाए हैं वे उन पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे.

Vice Chancellor of Nauni University solan
डॉ. राजेश्वर चंदेल ने संभाला नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार

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Published : May 9, 2022, 2:54 PM IST

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विवि के नए कुलपति के रूप में सोमवार को कार्यभार संभाला. इससे पहले नौणी विवि में पहुंचने पर डॉक्टर राजेश्वर चंदेल का भव्य स्वागत किया गया. इस मौके पर विवि के कर्मचारी व अधिकारीयों ने डॉ. चंदेल का जोरदार स्वागत किया. इस दौरान कुलपति डॉ. राजेश्वर चंदेल ने विवि के कर्मचारीयों व अधिकारियों से मुलाकत के दौरान विवि में एकजुटता से कार्य करने का आग्रह भी किया. साथ ही प्रदेश सरकार व प्रदेश के राज्य पाल का उन्हें विवि में बतौर कुलपति दायित्व देने पर आभार जताया और प्रदेश सरकार के साथ साथ किसानों व बागवानों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की बात कही.

विवि के नए कुलपति बनने के बाद डॉ. राजेश्वर चंदेल (Vice Chancellor of Nauni University solan) ने कहा कि वे प्रख्यात विश्वविद्यालय का दायित्व उन्हें दिए जाने पर प्रदेश के राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हैं साथ ही वे प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी इस जिम्मेदारी के लिए धन्यवाद करते हैं. उन्होंने कहा कि जो प्रदेश सरकार की व किसानों व बागवानों की इस विवि से अपेक्षाए हैं वे उन पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे.

डॉ. राजेश्वर चंदेल ने संभाला नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार

बता दें कि प्राकृतिक खेती को आंदोलन का रूप देकर देश-विदेश में पहुंचाने वाले प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल वर्तमान में प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना में कार्यकारी निदेशक के पद पर तैनात हैं. प्रो. चंदेल ने प्राकृतिक खेती को हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में पहुंचाने के साथ देश और विदेश में भी इसका प्रसार किया है. प्रो. चंदेल प्राकृतिक खेती ने प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय स्तर पर शुरू करवाने में नीति आयोग के साथ मिलकर नीति निर्धारण में अहम योगदान दिया हैं. वर्तमान में वे नीति आयोग, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कई राज्यों व विश्वविद्यालयों की कमेटियों के सदस्य हैं.

शिक्षण व अनुसंधान के क्षेत्र में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल मूलतः बिलासपुर जिले के घुमारवीं क्षेत्र से सबंध रखते हैं. इनका जन्म वर्ष 1967 में हुआ है. चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोतर की उपाधि पाने के बाद प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने नौणी विश्वविद्यालय से कीट विज्ञान में पीएचडी की उपाधि ली है. इन्होंने कृषि व वानिकी शिक्षण में जर्मनी से विशेष अध्ययन किया है. रिसर्च फैलो के रूप में सेवा के रूप में अपने करियर की शुरूआत करने वाले प्रो. चंदेल कई अहम पदों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

नौणी विश्वविद्यालय सोलन

वे नौणी विश्वविद्यालय, सोलन में संयुक्त निदेशक अनुसंधान, वरिष्ठ वैज्ञानिक कीट विज्ञान और प्रिंसिपल रेजीड्यू एनालिस्ट भी रह चुके हैं. इन्होंने शुष्क क्षेत्र में सेब में परागण, हर्बल शहद उत्पादन, पिस्ता की पैदावार में बढ़ोतरी, सेब में रस्टिंग समेत कई अन्य विषयों पर शोध किया है. प्रो. चंदेल देश-विदेश की नामी संस्थाओं द्वारा पोषित परियोजनाओं के प्रमुख और विविध टीमों के सदस्य हैं. इसके अलावा वे कई शोध पत्रिकाओं के संपादक और संपादन समीति के सदस्य भी रहे हैं.

प्राकृतिक खेती के प्रसार के लिए प्रो चंदेल के प्रयासों की सराहना देश के माननीय प्रधानमंत्री कई मंचों में कर चुके हैं. ये प्रो चंदेल के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती राज्य बनने की ओर अग्रसर है और देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श राज्य बनकर उभरा है व ये राज्य हिमाचल के मॉडल को अपना रहे हैं.

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