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देवभूमि क्षत्रिय संगठन कांग्रेस और भाजपा के लिए बना बड़ी चुनौती, उपचुनाव के बहिष्कार का किया एलान - Devbhoomi Kshatriya Sangathan Himachal News

हिमाचल प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां शिखर पर हैं. भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चरम पर पहुंच चुका है. दोनों ही दल एक दूसरे पर आरोप लगा कर अपने को बेहतर साबित करना चाहते हैं, ताकि वह हिमाचल के मतदाताओं के दिलों में जगह बना कर वोट हासिल कर सकें, लेकिन इस बीच भाजपा और कांग्रेस के लिए देवभूमि क्षेत्रीय संगठन अब चुनौती बन कर उनकी विजय के बीच में विशाल दीवार की तरह खड़ा होता नजर आ रहा है.

Devbhoomi Kshatriya organization announces boycott of by-election
रुमीत सिंह ठाकुर

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Published : Oct 11, 2021, 2:50 PM IST

सोलन: हिमाचल में चुनावी सरगर्मियां शिखर पर हैं. भाजपा और कांग्रेस उपचुनावों में आमने सामने की लड़ाई लड़ती नजर आ रही है. भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चरम पर पहुंच चुका है. दोनों ही दल एक दूसरे पर आरोप लगा कर अपने को बेहतर साबित करना चाहते हैं, ताकि वह हिमाचल के मतदाताओं के दिलों में जगह बना कर वोट हासिल कर सकें, लेकिन इस बीच भाजपा और कांग्रेस के लिए देवभूमि क्षेत्रीय संगठन अब चुनौती बन कर उनकी विजय के बीच में विशाल दीवार की तरह खड़ा होता नजर आ रहा है.

देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रुमीत सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की राजनीति में ठाकुरों का दबदबा रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी हिमाचल में सवर्ण आयोग का गठन नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि सभी नागरिक देश में एक समान होने चाहिए अगर आरक्षण देना चाहते हैं तो आर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए. यही मांग उनका संगठन कर रहा है.

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उन्होंने कहा कि उनकी मांग पर राजनीतिक दल वोट के चक्कर में चुप्पी साधे हुए हैं. इसलिए संगठन के सदस्यों ने सवर्ण समाज से आग्रह किया है कि वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए इन चुनावों का खुल कर विरोध करें. उन्होंने कहा कि चुनावों से ठीक पहले वह अर्की और मंडी में रोष रैली निकालने वाले है, जिसमें वह लोगों से आग्रह करेंगे कि इस बार मतदान नहीं बल्कि नोटा का उपयोग कर सभी दलों का बहिष्कार करें.

बता दें कि हिमाचल में देवभूमि क्षेत्रीय संगठन लंबे समय से सवर्ण आयोग की मांग कर रहा है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही थी. इसलिए अब देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने भी इन चुनावों के बहिष्कार का मन बना लिया है. अगर सवर्ण समाज वास्तव में एक हो जाता है तो यह भाजपा और कांग्रेस के पसीने निकाल सकता है.

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