सोलन: कालका-शिमला फोरलेन पर कैथलीघाट से ढली तक बनने वाले हिस्से में पेंच फंस गया है. इस प्रोजेक्ट के तीसरे चरण में करीब 1480 करोड़ की लागत से बनने वाले कैथलीघाट-ढली फोरलेन के निर्माण में लगी कंपनी ने काम बंद कर दिया है.
कैथलीघाट-ढली फोरलेन हिस्से का काम अधर में, कंपनी ने प्रोजेक्ट से पीछे खींचे अपने हाथ - शिमला फोरलेन
कालका-शिमला फोरलेन के कैथलीघाट से ढली तक बनने वाले हिस्से में कंपनी ने काम बंद कर दिया है. फोरलेन का काम अधूरा छोड़ने का कारण निर्माण के लिए बदली पॉलिसी को लंबे समय से मंजूरी न मिलना बताया जा रहा है.
फोरलेन का काम अधूरा छोड़ने का कारण निर्माण के लिए बदली पॉलिसी को लंबे समय से मंजूरी न मिलना बताया जा रहा है. इसके चलते कंपनी ने 9 नवंबर तक मजदूरों को काम छोड़ने का फरमान जारी कर दिया है. मामले की पुष्टि करते हुए कंपनी के मैनेजर मनोज पटियाल ने बताया कि फोरलेन का काम बंद करने की वजह 'चेंज ऑफ स्कोप' का अप्रूव न होना है.
बताया जा रहा है कि पॉलिसी के तहत कंपनी को जब काम अवार्ड किया तो जमीन की कटिंग फोरलेन की होनी थी, जबकि इसका निर्माण टू लेन में किया जाना था. जनवरी 2019 में इसे चेंज ऑफ स्कोप (सीओएस) बनाया गया. इसके तहत प्रोजेक्ट अब टू लेन की जगह फोरलेन बनना था. इससे प्रोजेक्ट की अनुमानित राशि 1480 करोड़ से बढ़कर 2100 करोड़ हो गई थी. इसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पीयू शिमला ने सीओएस बनाकर अप्रूवल के लिए एनएचएआई दिल्ली हेडक्वार्टर भेजा, लेकिन अप्रूवल न होने के कारण कंपनी ने काम बंद कर दिया है.