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साल 2016 में माउंट एवरेस्ट ने दी थी पहाड़ सी चुनौती, हिम्मत की पोटली बांध फिर तैयार बलजीत कौर

साल 2016 में माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए गई सोलन की बेटी बलजीत कौर (Baljit Kaur of Himachal) एक बार फिर हौसलों की उड़ान भरकर माउंट एवरेस्ट पर फतह करने के लिए जाने वाली है. साल 2016 में एक्स्ट्रा ऑक्सीजन मास्क न होने की वजह से बलजीत कौर को वापस लौटना पड़ा था, लेकिन 6 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक बार फिर हौसलों की उड़ान भरकर बलजीत माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए तैयार हो चुकी हैं.

Baljit Kaur
बलजीत कौर

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Published : Mar 26, 2022, 8:34 PM IST

सोलन: साल 2016 में माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए गई सोलन की बेटी बलजीत कौर (Baljit Kaur of Himachal) एक बार फिर हौसलों की उड़ान भरकर माउंट एवरेस्ट पर फतह करने के लिए जाने वाली है. साल 2016 में एक्स्ट्रा ऑक्सीजन मास्क न होने की वजह से 300 मीटर पीछे से ही बलजीत कौर को वापस लौटना पड़ा था. लेकिन 6 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक बार फिर हौसलों की उड़ान भरकर बलजीत माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए तैयार हो चुकी हैं. शनिवार को सोलन में प्रेस वार्ता के दौरान बलजीत कौर ने कहा कि 20 अप्रैल को वे नेपाल में माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप से शुरुआत करेंगी.

इससे पहले वे नेपाल में ही स्थित अन्नपूर्णा माउंट एवरेस्ट (Mount everest climbing) को फतह करने के लिए निकल रही है. उन्होंने कहा कि 6 सालों में उन्होंने कड़ी मेहनत माउंट एवरेस्ट पर फतह पाने के लिए की है और इस बार उन्हें पूरा विश्वास है कि वह फतेह जरूर हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि की माउंट एवरेस्ट पर जाने के लिए एक व्यक्ति का खर्च करीब 35 लाख आता है और अभी उनके पास 20 लाख ही जमा हुए हैं. वहीं, उन्होंने उम्मीद जताई है कि जनसहयोग की मदद से बचे हुए 13 लाख भी पूरे हो जाएंगे.

पहली भारतीय महिला जिसे पुमोरी चोटी फतह करने का गौरव हासिल: बता दें कि बलजीत पहली भारतीय महिला है, जिसे 7161 ऊंची पुमोरी चोटी फतह करने का गौरव हासिल हुआ है. पुमोरी चोटी (Mount pumori in Nepal) हासिल करने के बाद से बलजीत ने कहा था कि उनके हौसलों की यह उड़ान अब थमने वाली नहीं है और अगले वर्ष ही वह एवरेस्ट पर भी तिरंगा फहराएंगी.

एवरेस्ट पर चढ़ने का भी कर चुकी हैं प्रयास: कुछ साल पहले जब वह सोलन कॉलेज में एनसीसी में थी, तो एवरेस्ट के एक अभियान का हिस्सा बनी थीं, लेकिन उस दौरान ऑक्सीजन मास्क की खराबी के चलते बलजीत कौर को अभियान बीच में छोड़कर लौटना पड़ा था. बलजीत की शिक्षा सोलन कॉलेज से हुई है और इस दौरान बेहतरीन एनसीसी कैडेट के रूप में बलजीत ने अपनी पहचान बनाई थी.

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