सोलन: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की प्रगति का मूल्यांकन करने और दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार करने के लिए 'आयुष्मान संगम' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कसौली में आयोजित दो दिवसीय इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. राम सेवक शर्मा ने की.
यह चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयोजित पहली क्षेत्रीय समीक्षा बैठक थी. एनएचए नियमित रूप से सभी पांच भौगोलिक क्षेत्रों में ऐसी क्षेत्रीय समीक्षा आयोजित करता रहा है जिसमें एबी पीएम-जय को लागू करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वर्गीकृत किया गया है. आयुष्मान संगम एनएचए की एक रणनीतिक पहल है, क्योंकि यह आयुष्मान भारत इकोसिस्टम में हितधारकों की एक विस्तृत रेंज के लिए विचारों को साझा करने, पिछले अनुभवों को प्रस्तुत करने, सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को दर्शाने और इस तरह एक रचनात्मक संवाद में संलग्न होने के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.आर.एस. शर्मा ने कहा 'आयुष्मान संगम' एबी पीएम-जय की समीक्षा करने और योजना के महत्वपूर्ण पहलुओं पर पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण तरीके से विचार-मंथन करने के लिए, प्रमुख हितधारकों के बीच एक प्रभावी मंच प्रदान करने के लिए, एक वार्षिक कार्यक्रम बन गया है. एनएचए में, हमने हमेशा कार्यान्वयन करने वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के बीच विचारों के मुक्त प्रवाह में विश्वास किया है, ताकि हम योजना के समग्र कार्यान्वयन में सुधार कर सकें.
उदाहरण के लिए, पंजाब एक लाभार्थी सुविधा एजेंसी के विचार के पीछे प्रेरणा थी, जिसे अब राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के सहयोग से देश भर में एनएचए द्वारा बढ़ाया जा रहा है. उत्तराखंड, जम्मू -कश्मीर और लद्दाख ने मजबूती से आगे बढ़कर यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज को लागू किया है. इसी तरह, पंजाब और हरियाणा दोनों ने यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लक्ष्य की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं. उत्तराखंड द्वारा स्थापित उदाहरण भी उतना ही प्रशंसनीय है, जिसने समयबद्ध तरीके से दावा निर्णय सुनिश्चित करते हुए धोखाधड़ी और दुरुपयोग के मामलों को संबोधित करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया स्थापित की है, जिससे लगभग 0% दावा लंबित होना सुनिश्चित हो गया है.
इसके अलावा डॉ. शर्मा ने कहा एनएचए ने एबी पीएम-जय के बेहतर संचालन के लिए कई पहल की हैं. जैसे कि संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम), पैनल में शामिल अस्पतालों को दावा प्रतिपूर्ति को कारगर बनाने की प्रक्रिया और लाभार्थी पहचान प्रणाली का पुनर्गठन और लाभार्थी सुविधा एजेंसी. इनमें से प्रत्येक पहल से एबी पीएम-जय के कार्य करने के तरीके को बदलने की उम्मीद है.