सोलन:अर्की में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से कहीं न कही भाजपा को करारा झटका लगा है, लेकिन भाजपा की हार का कारण अर्की में जहां महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा बना है. वहीं, दूसरी तरफ नोटा भी भाजपा की हार का कारण बना है. देवभूमि क्षत्रिय संगठन के आह्वान के बाद प्रदेश के चार उपचुनाव में अर्की में भी करीब 1626 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया.
अर्की उपचुनाव को लेकर भाजपा के प्रभारी राजीव बिंदल की रणनीति भी कहीं न कहीं इन चुनावों में काम नहीं आई. सोलन नगर निगम के चुनाव हारने के बाद भाजपा ने एक बार फिर राजीव बिंदल पर भरोसा जताया था कि उनकी चाणक्य नीति अर्की में काम आएगी लेकिन भाजपा को अर्की में भी मुंह की खानी पड़ी. अर्की उपचुनाव में जीत हासिल हो इसके लिए अनुराग ठाकुर की भी कई रैलियां आयोजित की गई. सीएम जयराम ठाकुर खुद यहां पहुंचे, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर समेत कई बड़े नेता अर्की में डटे रहे, लेकिन अर्की में कांग्रेस प्रत्याशी संजय अवस्थी की जीत ने एक बार फिर भाजपा को अर्की में पटखनी दे दी है.
बता दें कि अर्की उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रत्न सिंह पाल को 27579 मत, कांग्रेस प्रत्याशी संजय अवस्थी को 30798 मत, निर्दलीय जीत राम को 547 जबकि नोटा को 1626 मत मिले हैं.
अर्की की 1626 मतदाताओं को नहीं लुभा पाए कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी - देवभूमि क्षत्रिय संगठन
हिमाचल में सत्ता के सेमी फाइनल में मंडी लोकसभा सीट सहित तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा है. अर्की विधानसभा उपचुनाव में 1626 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया है. अर्की में कांग्रेस प्रत्याशी संजय अवस्थी की जीत ने एक बार फिर भाजपा को अर्की में पटखनी दे दी है.
अर्की में 1626 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया.
Last Updated : Nov 2, 2021, 8:26 PM IST