कसौली/सोलनःशहीद बिलजंग गुरूंग को सैन्य और राजकीय सम्मान के साथ मंगलवार को सुबाथू के रामबाग में अंतिम विदाई दी गई. बिलंजग गुरूंग भारतीय सेना के 14 जीटीसी में 3/1 जीआर के जवान रहे हैं. बीते दिनों सियाचिन के ग्लेशियर में अंर्तराष्ट्रीय सीमा की तैनाती के दौरान शहीद बिलजंग गुरूंग बर्फ की गहरी खाई में जा गिरे, लेकिन बचाव दल के कड़े प्रयास के बावजूद बिलजंग गुरूंग ने शहादत पाई है.
मंगलवार को सुबाथू के राम बाग में पूरे विधि विधान के साथ सेना के धर्मगुरू ने शहीद के परिजनों की मौजूदगी में शहीद का अंतिम संस्कार करवाया. सेना के वाहन में जब शहीद का पार्थिव शरीर को रामबाग लाया गया तो हर आंख नम नजर आई.
सुबाथू के रामबाग में मंगलवार को ठीक 12:55 पर सेना वाहन में शहीद के पार्थिव शरीर को लाया गया. इसके बाद अपने घर के चिराग को तिरंगे में लिपटा देख परिजनों की चीख पुकार से पूरा वातावर्ण गमगीन हो गया. देश भक्ति धुन पर सेना की एक टुकड़ी ने शहीद को अंतिम घाट के लिए शव यात्रा शुरू की और भारत माता की जय के लोगों ने नारे लगाए.
अंतिमघाट पर पहुंचने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, बिग्रेड़ियर एचएस संधू सहित सेना के अन्य अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि पुष्पचक्र अर्पित किए. इसके बाद शहीद के पिता लोक राज गुरूंग ने अपने लाड़ले पुत्र को मुख्यग्नि दी. सेना की एक टुकड़ी ने हवा के फायर कर शहीद को सलामी दी, जिसके बाद शहीद से लिपटा तिरंगा ब्रिगेयर एसएस संधू ने शहीद के पिता को सौपा.