सोलन:हिमाचल प्रदेश के 25 फीसदी कुष्ठ रोग के एक्टिव मामले जिला सोलन में हैं. इनका इलाज स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के सर्वे के अनुसार माइग्रेट जनसंख्या में कुष्ठ रोग की पुष्टि हो रही है. इसका बड़ा कारण लोगों में लापरवाही बरतना है. बाहरी राज्यों से आ रहे लोग अपने शरीर में होने वाली एलर्जी व अन्य चीजों का ध्यान नहीं रख रहे हैं. इसके चलते कुष्ठ रोग के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, कुष्ठ रोगियों का पता लगाने के लिए जिले में एक्टिव केस फाइंडिंग चलाया जा रहा है और लोगों को जागरूक किया जा रह है.
जानकारी के अनुसार प्रदेश में 126 और जिला सोलन में कुष्ठ रोग के 32 एक्टिव मामले हैं. इनमें अधिकतर मामले नालागढ़ में हैं. औद्योगिक क्षेत्रों में पहुंचने वाली माइग्रेट जनसंख्या में मामले अधिक आ रहे हैं. इस रोग का खुलासा तब होता है जब लोग काफी देरी के बाद लोग एलर्जी की समस्या को लेकर अस्पतालों का रुख करते हैं. जांच के बाद लोगों में कुष्ठ रोग की पुष्टि होती है.
बीते दिनों भी अभियान के दौरान कुष्ठ रोग मामलों (Leprosy cases in nalagarh) का पता चला है. हालांकि जिले में अब पहले की तरह एक्टिव मामले नहीं हैं, लेकिन फिर भी एक-दो मामले आ रहे हैं. वहीं, विभाग कुष्ठ रोग को पूरी तरह खत्म करने के लिए कार्य कर रहा है, ताकि इस बीमारी को पूर्णत: खत्म किया जा सके.
उधर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुक्ता रस्तोगी ने बताया कि जिले के औद्योगिक (Leprosy cases in solan) क्षेत्र में कुष्ठ रोग के ज्यादा मामले हैं. यहां पर माइग्रेट जनसंख्या काफी है. रोग के बढ़ने का कारण लोगों में शरीर के प्रति लापरवाही (cases of leprosy in Himachal) बरतना है. उन्होंने बताया कि लोगों को रोग के प्रति जागरूक किया जा रहा है. वर्तमान में जिला सोलन में 32 एक्टिव केस हैं और प्रदेश का 25 फीसदी मामले हैं.
30 जनवरी से 13 फरवरी तक कुष्ठ रोग पखवाड़ा:लोगों को (Leprosy cases in HP) जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए 30 जनवरी से 13 फरवरी तक कुष्ठ रोग पखवाड़ा मनाया जा रहा है. एक्टिव केस अधिक होने से फिर लोगों में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग शिविर के माध्यम से कार्य कर रहा है. इस कार्य में आशा वर्कर्स समेत अन्य लोग गांव स्तर पर लोगों को इससे बचाव के लिए बता रहे हैं.
ये हैं कुष्ठ रोग के लक्षण:शरीर में कोई दाग पड़ जाए और उस जगह पर सुनपन्न आ जाए तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें. हो सकता है यह कुष्ठ रोग के लक्षण हों. इसी के साथ नसों का फूलना भी इस का एक कारण हो सकता है. समय पर इसका इलाज न होने से यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है. जिससे इलाज में लोगों को काफी परेशानी आती है.
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