शिमला: प्रदेश के युवाओं को स्व रोजगार (self employment in himachal) उपलब्ध करवाने के लिए और कोरोना संकट काल में बेरोजगार हुए युवाओं को नई राह दिखाने में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना कुछ हद तक सफल होती दिख रही है. इस योजना को 9 फरवरी 2019 को आरंभ किया गया था. हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (Mukhyamantri Swavalamban Yojana) के माध्यम से वह सभी नागरिक जो उद्योग या सर्विस सेक्टर में व्यापार स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें ऋण पर हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी. हालांकि, बैंकों की तरफ से लोन मिलने की प्रक्रिया में पेचीदगियां इस योजना की सफलता में रोड़ा अटका रही हैं.
2 हजार युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य- पिछले साल पहली अप्रैल से इस साल एक जनवरी तक 1817 युवा इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. इस वित्त वर्ष की शेष अवधि में 31 मार्च तक 1,000 नए लोगों को योजना से जोड़ा जाएगा. पिछले वर्ष 1415 युवाओं (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana)ने इस योजना में रूचि दिखाई और पिछले कुछ महीनों में 536 युवाओं ने योजना का लाभ प्राप्त किया. सरकार ने इस (Himachal Pradesh govt Schemes) योजना के अंतर्गत इस वर्ष 2000 युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के तहत एक करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है.
हिमाचल सरकार ने योजना में किए संशोधन- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि इस योजना को और आकर्षित बनाने के लिए युवाओं और लाभार्थियों के सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न संशोधन किए गए. इस योजना के अंतर्गत उद्योग मशीनरी के लिए 40 लाख की अधिकतम सीमा के साथ पुरुषों के लिए 25 प्रतिशत, महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत और विधवाओं के लिए 35 प्रतिशत निवेश अनुदान प्रदान किया जा रहा है. इस कार्य के लिए (Himachal Pradesh govt Schemes) बैंकों द्वारा परियोजना लागत का 90 प्रतिशत स्वीकृत किया जाएगा जबकि लाभार्थी का हिस्सा मार्जिन मनी के रूप में 10 प्रतिशत होगा.
10 गाय खरीदकर दूध उत्पादन-हाल ही में स्वावलंबन योजना की समीक्षा की गई है. जिसमें कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह भी मौजूद रहे. समीक्षा बैठक में सामने आया कि पशुपालन विभाग को स्वावलंबन योजना का हिस्सा बनाया गया है. इसके तहत कोई भी व्यक्ति 10 गाय खरीदकर दूध उत्पादन शुरू कर सकता है. ऐसे युवाओं के सामने नम्होल सहकारी समिति का उदाहरण है. हिमाचल में दूध की 80 प्रतिशत आपूर्ति अन्य राज्यों से होती है. डेयरी पालन के साथ अन्य प्रकार के उत्पाद भी तैयार कर बाजार में उपलब्ध करवाए जा सकते.
युवाओं के लिए कारोबार का अवसर-सेब बागवानों को बगीचों की कटिंग-प्रूनिंग करना मुश्किल होता है. कैंची सहित कई तरह की मशीनों व मानव श्रम की जरूरत होती है, यदि कोई युवा कटिंग-प्रूनिंग के लिए सभी मशीनों व अन्य जरूरतों को एक छत के नीचे उपलब्ध करवा दे तो प्रदेश के छह जिलों में बागवानों की परेशानियों का समाधान हो सकेगा. वर्षभर सेब बगीचों की देखभाल का काम होता है. इस क्षेत्र में सेवाएं देने वाले युवाओं के लिए कारोबार स्थापित करने का बेहतर मौका है.
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युवा लगा सकते हैं प्रोसेसिंग यूनिट-पहाड़ी प्रदेश होने के बावजूद हिमाचल में किसान ट्रैक्टर सहित दूसरे कृषि उपकरणों से खेती करने लगे हैं. बैलों से खेती करना अति दुर्गम क्षेत्रों तक सीमित हो गया है. निचले व मध्यम क्षेत्रों में ट्रैक्टर से खेती होती है. युवाओं के पास कृषि उपकरण, पुष्प उत्पादन, गैर मौसमी सब्जी उत्पादन व बाजार मांग आधारित फसलों की पैदावार करने के विकल्प हैं. युवा प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित कर सकते हैं.
अबतक दिया जा चुका है 37 करोड़ का उपदान- राज्य उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति का कहना है कि स्वावलंबन योजना की समीक्षा बैठक में सामने आया है कि अब तक 37 करोड़ रुपये का उपदान दिया गया है. सरकार ने निर्णय लिया है कि कृषि, बागवानी व पशुपालन विभाग की 18 योजनाओं को स्वावलंबन योजना के साथ जोड़कर पात्र लोगों को लघु उद्योग, सर्विस सेक्टर और व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाए.
ग्रामीण इलाकों को देखते हुए 18 और योजनाएं शामिल- प्रदेश सरकार ने (Industries in Himachal) मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कृषि, बागवानी व पशुपालन विभाग की 18 योजनाओं को स्वावलंबन योजना के दायरे में लाने का निर्णय लिया है.
- कृषि उत्पादों का भंडारण और परिवहन
- कृषि उपकरणों व औजारों का निर्माण
- ऑक्सीजन क्रायोजेनिक टैंकर (Oxygen Cryogenic Tanker) सेवाएं
- सब्जी नर्सरी तैयार करना
- पेट्रोल पम्प
- फार्म स्टे/एग्रो पर्यटन व फार्म पर्यटन
- उन्नत डेयरी विकास परियोजना (10 गाय या भैंसों की एक इकाई)
- इंटरनेट ऑफ थिंग्ज आधारित वर्टिकल फार्मिंग
- कृषि के लिए खुदरा दुकानों का निर्माण
- ऊत्तक संवर्द्धन प्रयोगशाला
- ईवी चार्जिंग स्टेशन
- रेशम प्रसंस्करण इकाई
- रेशम रीलिंग इकाइयां
- लघु सेवा व व्यावसायिक उद्यमों की सूची में परिरक्षित चारा (साइलेज) इकाइयों की स्थापना
- दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की स्थापना
- सर्वेयर यूनिट
- ड्रिलिंग यूनिट
- एम्बुलेंस
तीन साल में लगे 1452 नए उद्योग- उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि पिछले तीन सालों में 2021 तक प्रदेश में 1452 नए उद्योग स्थापित किए गए हैं. इन उद्योगों में 1228.12 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इन उद्योगों में 10 हजार 455 लोगों को रोजगार प्रत्यक्ष रूप से मिला है. सबसे अधिक 282 उद्योग सोलन जिले में स्थापित किए गए. जिनमें 5,561 लोगों को रोजगार मिला.
एक महीने के भीतर मिलेगा लोन- बैंकों द्वारा एक महीने के भीतर ऋण स्वीकृति प्रदान की जाएगी और महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र द्वारा व्यावसायिक उत्पादन के तहत 15 दिन के भीतर शेष अनुदान आवंटित किया जाता है. यह योजना मई 2018 में युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से आरम्भ की गई थी.
योजना के तहत इस तरह कर सकते हैं आवेदन- आवेदक हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है. आवेदक की आयु 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उद्योग विभाग व ऑनलाइन माध्यम से भी योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है. आवेदक को इसके लिए अपना आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर दर्ज करवाना होगा.
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