शिमलाः हिमाचली कला और संस्कृति को संजोने के लिए युवा वर्ग अहम भूमिका निभा सकता है. आज के युवा पारंपरिक कलाओं में रुचि ना दिखाकर अन्य पेशों में अपनी रुचि दिखा रहे हैं. कुछ एक ही युवा ऐसे हैं जो हिमाचल की संस्कृति और पारंपरिक कला की महत्वता को समझते हैं और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए आगे आए हैं.
शिमला की गेयटी थियेटर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य संग्रहालय शिमला और भाषा कला एवं संस्कृति विभाग में आयोजित किए गए कला शिल्प मेले में इसी तरह का कुछ उदाहरण देखने को मिला. इस मेले में जहां प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों से महिलाएं अपने हस्तशिल्प के बने उत्पादों को मेले में लगाने के लिए लेकर आई थी.
वहीं, इनमें कुछ युवतियां भी शामिल थी जो इस तरह के हैंडी क्राफ्ट में रुचि दिखा रही हैं. फिर बात चाहें चंबा रुमाल की हो या फिर पाइन नीडल से बनाए जाने वाले उत्पादों की युवा अपना करियर इस तरह की पारंपरिक कला में ढूंढ रहे हैं.
युवा इस कला में अपनी सोच का समावेश भी इतने बेहतरीन तरीके से कर रहे हैं कि ना तो कला की पारंपरिकता से खिलवाड़ हो और इसकी महत्वता भी बरकरार रहे. गेयटी थियेटर में भी चंबा रुमाल के लगाए गए स्टॉल पर हिना ने बताया कि चंबा रुमाल वर्ल्ड फेमस आर्ट है और जो भी पर्यटक इस मेले में आए उन्होंने इस आर्ट को बेहद सराहा है.
उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने इसकी शुरुआत शौक में की थी लेकिन जब उन्हें से आमदनी होने लगी तो उन्होंने इस कार्य में रुचि दिखाई. अब इसमें अलग-अलग डिजाइंस भी तैयार कर रही हैं जिससे की एक नई सोच का समावेश इस कला में किया जा सके.