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ईयर इंडर 2019: हिमाचल को मिले दो गवर्नर, ब्यूरोक्रेसी में देखने को मिला बड़ा फेरबदल - himachal chief justice

साल 2019 हिमाचल प्रदेश के लिए प्रशासनिक और न्यायिक सेवाओं के मोर्चे पर मिले जुले अनुभव वाला रहा है. इस प्रदेश को दो राज्यपाल, दो चीफ जस्टिस भी मिले. इसी साल प्रदेश में प्रशासनिक सेवाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिला.

year ender 2019: Himachal gets two governor, big change seen in bureaucracy
हिमाचल प्रदेश ईयर इंडर 2019

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Published : Dec 29, 2019, 12:40 PM IST

शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल के लिए वर्ष 2019 प्रशासनिक सेवाओं और न्यायिक सेवाओं के मोर्चे पर मिले जुले अनुभव वाला रहा. इस साल लोकसभा चुनाव के बाद जयराम सरकार ने ब्यूरोक्रेसी में बड़ा फेरबदल किया. जिलों के डीसी सहित कई आईएएस अधिकारियों के कार्यभार में बदलाव करने के साथ ही एचपीएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया गया.

वर्ष 2019 के नजरिये से देखें तो आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू को जयराम सरकार ने बेहद महत्वपूर्ण पद दिए. उन्हें श्रीकांत बाल्दी के बाद मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया. इसके अलावा सीनियर आईएएस अफसर राम सुभग सिंह पर आयुर्वेद विभाग में खरीदी घोटाले की गाज गिरी और उनसे आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का पदभार वापस ले लिया गया.

वीडियो रिपोर्ट.

40 दिनों में प्रदेश में हुई दो राज्यपाल की ताजपोशी

हिमाचल के राज्यभवन में वर्ष 2019 में कई परिवर्तन देखने को मिले, लंबे समय से राज्यपाल का पदभार संभाल रहे आचार्य देवव्रत को गुजरात का गवर्नर बनाया गया. 40 दिन के अंदर प्रदेश में दो राज्यपाल बदल दिए गए. पूर्व राज्यपाल आचार्य देवव्रत की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र को राज्यपाल बनाया गया. कुछ ही दिनों बाद फिर बदलाव किया गया और कलराज मिश्र की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय की गवर्नर के रूप में ताजपोशी हुई.

साल 2019 में हिमाचल को मिले दो चीफ जस्टिस

हिमाचल हाई कोर्ट को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत के सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के बाद 22 जून को न्यायाधीश वी रामासुब्रमनियन को हिमाचल हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. जस्टिस वी रामासुब्रमनियन इससे पहले तेलंगाना हाई कोर्ट में न्यायाधीश थे. करीब 4 महीने बाद रामासुब्रमनियन सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए. इसके बाद वरिष्ठ न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी को प्रदेश हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया. 4 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी को मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई गई.

सूबे में प्रशासनिक सेवा में प्रमुख पदों पर हुए कई बदलाव

मुख्य सचिव बृज कुमार अग्रवाल के केंद्र में सचिव लोकायुक्त बनने के बाद हिमाचल सरकार ने प्रधान सचिव मुख्यमंत्री रहे डॉ. श्रीकांत बाल्दी को सूबे का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया. इसके अलावा भी डॉ. बाल्दी को कई विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई.

सूबे के प्रमुख पदों पर बदलाव के साथ ही कई प्रशासनिक अधिकारियों के भी कार्यभार बदल दिए गए. अतिरिक्त मुख्य सचिव आयुर्वेद संजय गुप्ता को वित्तीय आयुक्त अपील का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया. प्रबोध सक्सेना को प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं वित्त के साथ ही राज्य बिजली बोर्ड के अध्यक्ष का अतिरिक्त कार्यभार, प्रमुख सचिव कृषि एवं जनजातीय विकास ओंकार शर्मा को राजस्व का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया.

सचिव स्तर पर अफसरों की कमी दूर करने के लिए सरकार ने सी पालरासू, राजीव शर्मा, प्रियंका बासु और अमिताभ अवस्थी को सुपर टाइम स्केल के साथ ही सचिव स्तर पर पदोन्नति दी गई. साथ ही निदेशक टीसीपी पालरासू को सचिव शहरी विकास और टीसीपी और पीजीआई चंडीगढ़ में सेवाएं दे रहे अमिताभ अवस्थी को सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और बागवानी का कार्यभार सौंप गया. इसके अलावा निदेशक ग्रामीण विकास ललित जैन को निदेशक टीसीपी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया.

सरकार ने जुलाई महीने में 15 आईएएस अधिकारियों के साथ ही 50 राज्य सेवा के अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया गया. इसके बाद अगस्त महीने में 14 आईएएस और 6 एचएएस अधिकारियों के कार्यभार में बदलाव किया गया. इन बड़े प्रशासनिक बदलाव के बाद सितंबर में 4 आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे, वहीं, 8 एचपीएएस अफसर तबदील किए गए.

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भंग किया गया प्रशासनिक ट्रिब्यूनल

प्रदेश सरकार ने जुलाई महीने में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में हिमाचल प्रदेश राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग कर दिया गया. सरकार के इस फैसले को लेकर प्रदेश में खूब सियासत हुई. आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में जुलाई 2008 में भी ट्रिब्यूनल भंग किया गया था. लेकिन फरवरी 2015 में कांग्रेस सरकार ने इसे फिर बहाल कर दिया था. अब इसे भंग कर दिया गया है. 2008 में सारे मामले हाईकोर्ट को शिफ्ट किए गए थे.

प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने सुलझाए इतने मामले

हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के पास 30 जून 2019 तक कुल 34111 आवेदन प्राप्त हुए थे. जिनमें से 23125 मामलों का अंतिम निपटारा किया गया. इस अवधि के दौरान इन आवेदनों के अतिरिक्त 945 अवमानना याचिकाएं, 37 समीक्षा याचिकाएं, 125 निष्पादन याचिका और 9552 विविध याचिकाओं का भी निपटारा किया गया. इसके अलावा ट्रिब्यूनल के पास हिमाचल हाई कोर्ट से 6485 मामले प्राप्त हुए थे, जिनमे 1757 मामलों का निपटारा किया गया था.

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