शिमला: बढ़ती आबादी के साथ ही युवाओं को रोजगार दुनिया के सामने बड़ी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आई है. विश्व युवा कौशल दिवस पर छात्रों को संबोधित करते हुए सीएम जयराम ने स्वरोजगार को बेरोजगारी के समाधान का सबसे बड़ा उपाय बताया. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अब तक हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के तहत 545 करोड़ रुपये के अनुबन्ध किए जा चुके हैं. कौशल विकास परियोजना के अन्तर्गत एशियन विकास बैंक द्वारा 195 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इसके अतिरिक्त, एशियन विकास बैंक की सहायता से सोलन जिला के वाकनाघाट में पर्यटन, आतिथ्य और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि उच्च कौशल विकास को केंद्र में रखते हुए हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने लगभग 16,000 हिमाचली युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वेब डिजाइनिंग, मशीन लर्निंग जैसे विषयों का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सरकारी संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं. इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से लघु अवधि के अप-स्कीलिंग और मल्टी स्कीलिंग प्रशिक्षण शुरू किए गए हैं.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस योजना का तीसरा चरण प्रगति पर है और इसके अन्तर्गत 16,200 से अधिक युवाओं को नामित किया गया है. योजना के तीसरे चरण में प्रदेश के 1600 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास निगम विश्व बैंक की सहायता से संकल्प कार्यक्रम संचालित कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम (cm jairam on world youth skills day) का उद्देश्य प्रदेशभर में संस्थागत प्रणाली और कौशल इको सिस्टम का सुदृढ़ीकरण करना है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में निगम ने हस्तशिल्प और हथकरघा निगम सीमित के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया था. उन्होंने कहा कि प्रदेश की विशिष्ट कला और शिल्प कौशल के उन्नयन और विपणन क्षमता को 200 हितधारक कारीगरों तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.