शिमला:वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरुक करना है. हर साल 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू से होने वाली घातक बीमारियों के बारे में जागरुक करना है. तंबाकू के सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है.
World No Tobacco Day: डेंटल कॉलेज शिमला अब तक कई लोगों से छुड़वा चुका है तंबाकू, 300 लोगों का चल रहा इलाज - world no tobacco day date
वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरुक करना है. हर साल 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को तंबाकू से होने वाली घातक बीमारियों के बारे में जागरुक करना है.
तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने से कैंसर हो सकता है. तंबाकू मौत का कारण भी बन सकता है. अधिकतर लोगों के दातों के खराब होने का कारण तंबाकू भी माना जा रहा है. डेंटल कॉलेज शिमला में विशेषज्ञ डॉक्टर व एचओडी डॉ. विनय भारद्वाज ने कहा कि तंबाकू के सेवन से अधिकतर लोगों के दांत मसूड़े खराब हो रहे हैं और यह कैंसर का कारण भी बनता है. उनका बताया कि डेंटल कॉलेज शिमला में तंबाकू छुड़ाने के लिए एक सेल का गठन किया गया है. जो पिछले 3 सालों से चल रहा है और उसमें अभी तक 300 से अधिक लोग अपना तंबाकू छुड़ाने का इलाज करवा रहे हैं. उनका कहना था कि यह सेल कामयाब हो रहा है और लोग तंबाकू खाना छोड़ रहे हैं. डॉ. विनय भारद्वाज ने बताया कि तंबाकू जानलेवा भी है. पहले इससे दांत खराब होने लगते हैं और बाद में कैंसर का रूप धारण कर लेता है.