शिमला: महिला एवं बाल विकास विभाग निदेशालय (Women and Child Development Department ) पोषण माह के उपलक्ष्य पर आज से 5 अक्टूबर (competitions from today) तक प्रदेश भर में लोहे की कढ़ाई में खाना बनाने की प्रतियोगिता एवं विशेष अभियान का आयोजन करेगा. इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य लोगों को लोहे के बर्तनों में खाना बनाने के लाभ और इसकी पौष्टिकता और (awareness for anemia) अनीमिया के प्रति जागरूक करना है. विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में अनीमिया पूरे विश्व की समस्या बन गया है. पारंपरिक लोहे के बर्तनों में खाना बनाने से खून की कमी यानि अनीमिया को दूर किया जा सकता है.
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश को अनीमिया मुक्त बनाने की मुहिम में यह कदम कारगर साबित होगा. हिमाचल प्रदेश में पहले से ही पारंपरिक तरीकों से खाना बनाने के लिए लोहे के बर्तनों का उपयोग किया जाता रहा है, परंतु आधुनिक दौर में इसका उपयोग कम होता जा रहा है, जबकि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. अनीमिया की अधिकता को देखते हुए लोहे की कढ़ाई में खाना बनाने की प्रतियोगिता का उद्देश्य पारंपरिक तरीकों से लोहे के बर्तनों में खाना पकाने के स्वास्थ्य लाभ के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है.
लोहे के बर्तनों में खाना बनाने से दूर होता है अनीमिया, आज से आयोजित होंगी प्रतियोगिताएं
(Women and Child Development Department ) हिला एवं बाल विकास विभाग निदेशालय पोषण माह के उपलक्ष्य पर आज से 5 अक्टूबर (competitions from today) तक प्रदेश भर में लोहे की कढ़ाई में खाना बनाने की प्रतियोगिता एवं विशेष अभियान का आयोजन करेगा.प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य लोगों को लोहे के बर्तनों में खाना बनाने के लाभ और इसकी पौष्टिकता और (awareness for anemia) अनीमिया के प्रति जागरूक करना है.
इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों और महिला एवं बाल विकास निदेशालय के फेसबुक पेज पर प्रतिभागियों द्वारा लोहे की कढ़ाई में खाना पकाने तथा इसके स्वास्थ्य लाभ के संबंध में एक मिनट का वीडियो साझा किया जाएगा.
प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सभी व्यक्ति इस अभियान में भाग लेने के पात्र हैं. निदेशालय महिला एवं बाल विकास एवं विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी इस अभियान में वीडियो साझा कर इस अभियान को सफल बनाएंगे. सर्वश्रेष्ठ 20 वीडियो को निदेशालय महिला एवं बाल विकास द्वारा नगद पुरस्कार दिया जाएगा. इस विषय में जिला कार्यक्रम अधिकारियों एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिये गए हैं.
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