शिमला: वीरभद्र सिंह बेशक देह से स्मृति हो गए हैं, लेकिन उनके विचार आने वाली पीढ़ी के नेताओं का मार्गदर्शन करते रहेंगे. छह दशक के लंबे राजनीतिक जीवन से उपजे अनुभव और आम जन का नेता होने के कारण वीरभद्र सिंह का पूरे हिमाचल में व्यापक जनाधार था. यही कारण है कि वे अपने निजी विचारों को बहुत ही मजबूती से सांझा करते थे. ये वीरभद्र सिंह ही थे, जिन्होंने न केवल नोटबंदी का स्वागत किया था, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सेना की पीठ भी थपथपाई थी.
पांच साल पूर्व जब वीरभद्र सिंह हिमाचल के सीएम थे तो 30 सितंबर 2016 को सीएम के सरकारी आवास ओक ओवर में एक आयोजन में उन्होंने भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का स्वागत किया था. दरअसल, उस समय ओक ओवर में दुनिया के 30 देशों के प्रतिनिधि एक शांति मार्च के आयोजन के सिलसिले में पहुंचे थे.
उस शांति मार्च को रवाना करने के बाद मीडिया से चर्चा में वीरभद्र सिंह ने पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का स्वागत किया था. तब उन्होंने कहा था कि कोई भी राष्ट्र अपने यहां विदेशी धरती पर प्रशिक्षण ले रहे आतंकियों द्वारा किए गए हमलों और बेकसूर लोगों की हत्याओं को सहन नहीं कर सकता. उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना की तरफ से आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक सही समय पर उठाया गया सही कदम है.