शिमलाःसूबे की सरकार से नाराज चल रहे बहुत से जल रक्षकों ने अपना काम छोड़ दिया है. पानी की स्कीमें छोड़कर जल रक्षक जिलास्तर पर धरने पर बैठ गए हैं. इसी कड़ी में शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर सोमवार को इन्होंने सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. पंचायतीराज विभाग से हटाकर जल शक्ति विभाग में समायोजित करने की मांग को लेकर जल रक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह विधानसभा का घेराव करेंगे.
जल रक्षक डोलम चंद ने बताया कि जब तक प्रदेश सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है. तब तक हमारा धरना जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गयी तो कोई भी जल रक्षक प्रदेश में कार्य नहीं करेगा.
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पंचायतीराज विभाग से हटाकर जल शक्ति विभाग में समायोजित किया जाए. जिनका कार्यकाल आठ साल से अधिक हो चुका है. उन्हें अनुबंध आधार पर लिया जाए.
मानदेय मिलने की समस्या
बता दें कि वर्तमान में उनकी सेवाएं पंचायतीराज विभाग के अधीन है. इस वजह से उनका 60 प्रतिशत मानदेय पंचायतीराज और 40 प्रतिशत जल शक्ति विभाग देता है. इससे मानदेय मिलने में कई बार छह से आठ महीने का वक्त बीत जाता है.