शिमला: राजधानी शिमला में भारी बरसात के बीच पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. चार दिन बाद भी लोगों को पानी पीने को नसीब नहीं हो रहा है. शिमला के लिए पानी की सप्लाई करने वाली पेयजल परियोजना गिरी परियोजना में ट्रांसफार्मर के जलने से शहर में पानी का संकट बताया जा रहा है. बिजली न होने से पम्पिंग प्रभावित हो रही है. गिरी परियोजना से 18 एमएलडी तक पानी शहर में आता है, लेकिन रविवार को 7 एमएलडी पानी ही पहुंचा.
हालांकि जल निगम द्वारा पानी के टैंकरों से शहर में पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन शहर के कई हिस्सों में पानी के टैंकर नहीं पहुंच पा रहे हैं. लोग जल निगम कार्यालय में पानी न आने को लेकर फोन करते रहे, लेकिन पानी की सप्लाई प्रभवित होने से शहर के कई हिस्सों में पानी नहीं आया है. वहीं, जल निगम का कहना है कि गिरी योजना का बिजली ट्रांसफार्मर में खराबी के चलते पम्पिंग नहीं हो रही है जिससे पानी की लिफ्टिंग नहीं हो पा रही है और सोमवार तक ट्रांसफार्मर सही से काम करेगा और शहर में पानी दूसरे दिन देने का प्रयास किया जाएगा.
वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस ने निशाना साधा है और (water crisis in shimla) सरकार को शहर के लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने में पूरी तरह से नाकाम करार दिया है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा सरकार 5 सालों से पानी समस्या से निजात नहीं दिला पाई है. भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में 24 घंटे पानी देने का वादा किया था, लेकिन 5 दिन बाद भी लोगों को पानी नहीं मिल रहा है.
शिमला में गर्मियों में पानी की किल्लत होती है, लेकिन बरसात और सर्दियों में भी पानी लोगों को नहीं मिल रहा है. ये सरकार पूरी तरह से नाकाम हो गई है. कांग्रेस तो सवाल खड़े कर ही रही है, लेकिन भाजपा पार्षद भी अपने मंत्रियों को घेर रहे हैं और वरिष्ठ पार्षदों ने आईपीएच मंत्री और शहरी मंत्री पर ही शहर में लोगों को पानी को लेकर घेरा है. उन्होंने कहा कि ये सरकार शिमलावासियों को मूलभूत सुविधाएं पानी तक नहीं दे पा रही है और आज 5 दिन बाद लोगों को पानी मिल रहा है. उन्होंने सरकार से जल्द मुहैया करवाने की मांग की.
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