शिमला: नगर निगम शिमला की मासिक बैठक (Monthly meeting of Municipal Corporation Shimla) में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला. शुक्रवार को बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. इतना ही नहीं पार्षदों ने कपंनी के अधिकारियों पर पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए. पार्षदों ने बताया कि उनके वार्ड में चार-चार दिनों तक पानी नहीं आता है और जब एजीएम को इस संबंध में कॉल किया जाता है, तो वह फोन नहीं उठाते.
वहीं, बीते दिनों पार्षद दिवाकर देव शर्मा के साथ जल निगम के एजीएम द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को लेकर हाउस में जमकर हंगामा हुआ. ज्यादातर पार्षदों ने दिवाकर देव शर्मा का पक्ष लेते हुए एसजेपीएनएल के एजीएम को उनके साथ किए गए दुर्व्यवहार पर माफी मांगने को कहा. कई पार्षद ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में बीते कई दिनों से पानी नहीं आया है. पार्षदों ने इस पर भी सवाल किए कि आखिर हाउस में कपंनी के अधिकारी मौजूद क्यों नहीं है.
पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने बताया कि बीते दिनों जब उन्होंने एजीएम हरमेश भाटिया को फोन किया तो, उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया. उसके बाद जब वह उनसे मिलने पहुंचे, तो अधिकारी दफ्तर में नहीं मिले.उसी दिन वह दोबार शाम को उनसे मिलने पहुंचे, इस दौरान एजीएम और पार्षद के बीच में बहस हो गई. पार्षद का आरोप है कि एजीएम ने उनके साथ गाली-गलौज की और अभद्र भाषा का प्रयोग किया. वहीं, एजीएम हरमेश भाटिया का कहना है कि उन्होंने पार्षद के साथ कोई गाली-गलौज नहीं की, बल्कि उल्टा पार्षद ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया.