शिमला: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को 2020 की टीबी रिपोर्ट जारी की है. साथ ही टीबी उन्मूलन की दिशा में बेहतरीन काम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश जैसे गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, दमन दीव और दादर नगर हवेली को सम्मानित किया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि 2025 तक भारत टीबी मुक्त होने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा. उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों को बेहतर पोषण मिल सके, इसलिए 45 लाख से ज्यादा मरीजों को 533 करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में भेजे गए हैं.
साथ ही टीबी के मरीजों का ऑनलाइन डेटा बनाया जा रहा है. देश में 23.9 लाख टीबी मरीजों को अधिसूचित किया गया है, जिनमें 6.2 लाख रोगी निजी क्षेत्र से हैं. हालांकि पिछले साल की तुलना में टीबी मरीजों की संख्या में 45 फीसदी तक बढ़ी है.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हर ब्लॉक में मॉलिक्यूलर डाइग्नोस्टिक मशीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. साथ ही सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टीबी की स्क्रीनिंग से जांच हो रही है, ताकि लोगों को घर के पास इलाज की सुविधा मिल सके.
उन्होंने ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में भी टीबी मरीज के इलाज और पहचान में कोई कमी नहीं आई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीबी रोग के लिए डाक विभाग की भी सेवाएं भी ली जा रही हैं और टीबी के मामलों का जल्द पता लगाने का टारगेट रखा गया है.
उन्होंने कहा कि हर साल 10 लाख टीबी के केस छूट जाते थे और वो जांच के दायरे में नहीं आ पाते थे, लेकिन जांच प्रक्रिया के बढ़ने से अब करीब 2 लाख लोग ही जांच से वंचित रह पाते हैं.