शिमला:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला (Himachal Pradesh University Shimla) के पर्यटन विभाग द्वारा 11 और 12 दिसबंर को शिमला में दो दिवसीय (Two day conclave in Shimla) कॉन्क्लेव का आयोजन होगा. जिसमें देश व प्रदेश भर से लंबे समय से पर्यटन कारोबार से जुड़े हुए 50 लोग जुटेंगे और हिमाचल प्रदेश के भावी पर्यटन संभावनों को लेकर रोड मैप तैयार करेंगे जिसे समाज और सरकार के साथ भी सांझा किया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग (Himachal Tourism Department) के निदेशक प्रो. चंद्र मोहन परशीरा (Chandra Mohan Parsheera Press conference) ने पत्रकार वार्ता कर बताया कि कोविड के कारण पर्यटन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है जो अभी तक पटरी नहीं लौटा. कोविड के कारण अब पर्यटन का स्वरूप भी बदल गया है. ऐसे में किस तरह से प्रदेश में अब भावी पर्यटन को विकसित किया जाना है इसको लेकर रोड मैप बनाया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यटन की संभावनों को तलाशा जाएगा उसमें सरकार की किस तरह से भागीदारी रहेगी उस पर चर्चा होगी.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन प्रधान प्रदेश है और हर वर्ष पूरे भारत और विश्वभर से हिमाचल में लाखों की संख्या में पर्यटक भ्रमण करने आते है. हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की (Tourism prospects in Himachal) अपार संभावनाएं है. हिमाचल प्रदेश की जीडीपी का 10% हिस्सा पर्यटन से आता है. और हिमाचल लगभग पिछले दो वर्षों से कोरोना का पूरे देश और विश्व में फैलने के कारण पर्यटन का क्षेत्र प्रभावित हुआ है और बहुत से लोग जो पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत है उनको अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी.