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शिमला में बर्फबारी के बीच भी चलती रही ट्रेनें, सड़कों पर ठप हुई वाहनों की आवाजाही - Shimla kalka toy train

पहाड़ों पर बीते 35 घंटों से हो रही बर्फबारी (snowfall in Shimla) के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. बर्फबारी इतनी हुई है कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है और जिले की सभी सड़कें बंद पड़ी हैं. वहीं, बर्फबारी के बीच भी शुक्रवार को रेल मार्ग पर ट्रेनें दौड़ती रही.

Shimla Toy Train
शिमला टॉय ट्रेन

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Published : Feb 4, 2022, 9:05 PM IST

शिमला:पहाड़ों पर बीते 35 घंटों से जमकर बर्फबारी (snowfall in Shimla) हो रही है. जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं, बर्फबारी से सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी ठप हो गई है. शिमला चंडीगढ़ और मंडी राजमार्ग बर्फबारी के चलते अवरुद्ध हो गए हैं. बर्फबारी इतनी ज्यादा हुई है कि शोघी से शिमला की तरफ वाहन नहीं आ पा रहे हैं.

इसके अलावा जिले के सभी मार्ग भी बर्फबारी के चलते अवरुद्ध (Roads closed in shimla after snowfall) हो गए हैं. लेकिन, शिमला में हुई बर्फबारी के बीच भी रेल मार्ग पर ट्रेनें दौड़ती रही. शुक्रवार को शिमला कालका ट्रैक (Shimla kalka toy train) पर ट्रेनों की आवाजाही दिन भर होती रही और बर्फ को चीरती हुई ट्रेनें शिमला से कालका के लिए रवाना हुई. शिमला रेलवे स्टेशन भी पूरी तरह से बर्फ में ढक गया है. रेलवे स्टेशन पर करीब एक फीट बर्फ गिरी है. बावजूद इसके ट्रेनें कालका के लिए रवाना हुईं. पर्यटकों ने जमकर इस हसीन वादियों का लुत्फ उठाया.

बर्फबारी के बीच छुक-छुक दौड़ी ट्रेन.

बर्फबारी के बीच ट्रेनों के गुजरने का नजारा काफी आनंद भरा होता है और इसी का लुत्फ उठाने काफी तादात में पर्यटक ट्रेन से शिमला पहुंच रहे हैं. वहीं, शुक्रवार को शिमला चंडीगड़ सड़क मार्ग अवरुद्ध होने से काफी पर्यटक ट्रेन (Tourists reaching Shimla in snowfall) से कालका के लिए रवाना हुए. वहीं, सभी ट्रेनें फूल हो कर शिमला से कालका और कालका से शिमला पहुंची. शिमला में अभी भी बर्फबारी का दौर जारी है और मौसम विभाग ने शुक्रवार रात तक मौसम के खराब रहने की आशंका जताई है. ऐसे में लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.

118 साल पुराना है कालका शिमला रेलवे मार्ग:बता दें कि कालका-शिमला (Kalka Shimla Railway Route) रेलवे मार्ग 118 साल पुराना है. 9 नवंबर 1903 को कालका- शिमला रेल मार्ग की शुरूआत हुई थी. यह रेलमार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन के अंतर्गत आता है. 1896 में इस रेल मार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था. रेलमार्ग कालका स्टेशन (656 मीटर) से शिमला (2,076 मीटर) तक जाता है. 96 किमी. लंबे इस रेलमार्ग पर 18 स्टेशन है. साल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी.

साल 2008 में यूनेस्को ने दिया था वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा: कालका-शिमला रेलवे लाइन को यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था. इसी रूट पर कनोह रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक आर्च गैलरी पुल (arch gallery bridge Himachal) 1898 में बना था. शिमला जाते हुए यह पुल 64.76 किमी. पर मौजूद है.

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