शिमला:प्रदेश में आठ जनवरी को ट्रेड यूनियन द्वारा हड़ताल की जा रही है, जिसमें औद्योगिक, आंगनबाड़ी , मिड डे मील, जलविद्युत परियोजना, मनरेगा, अस्पताल, सड़क परिवहन, एसटीपी, पार्ट टाइम, कैजुअल के साथ अन्य क्षेत्रों के मजदूर शामिल होंगे. साथ ही सीटू ने भी हड़ताल का ऐलान किया है.
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि 8 जनवरी को प्रदेशभर के लाखों मजदूर व कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. प्रदेश में मजदूरों के साथ ही राज्य बिजली बोर्ड, बीएसएनएल, एलआईसी, बैंक, एजी ऑफिस, पोस्टल, नाबार्ड और केंद्रीय संस्थानों के कर्मचारी हड़ताल करेंगे. उन्होंने कहा कि इस दिन प्रदेश के लाखों मजदूर व कर्मचारी केंद्र व प्रदेश सरकार की मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे.
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर कार्य कर रही है. केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले पांच सालों में देश में साढ़े चार करोड़ मजदूरों की नौकरियां चली गयी हैं. देश की चार सर्वोच्च संस्थाओं ने रोजगार के मसले पर सरकार की पोल खोलकर रख दी है. उन्होंने कहा कि पिछले 45 साल की तुलना में इस समय सबसे ज्यादा बेरोजगारी है.
विजेंद्र मेहरा ने कहा कि देश में भारी आर्थिक मंदी से 10 लाख लोगों की नौकरियां चली गयी हैं और मजदूरों के वास्तविक वेतन में बढ़ोतरी के बजाए कटौती हो रही है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को सातवें वेतन, जस्टिस माथुर व 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार 21 हजार रुपये न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है.