शिमलाः हिमाचल सरकार की ओर से प्रदेश की सीमाएं सभी के लिए खोल दी गईं हैं. अब प्रदेश में आने के लिए ना तो पंजीकरण करना पड़ेगा और ना ही उन्हें कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट अपने साथ प्रदेश में प्रवेश करने के लिए लानी पड़ेगी.
प्रदेश घूमने पर्यटकों ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि इससे उन्हें बड़ी राहत मिली है. एक पर्यटक ने बताया कि पहले पंजीकरण के नाम पर परवाणू बैरियर पर पैसे ऐंठे जा रहे थे. जिन पर्यटकों को पंजीकरण करवाने की जानकारी नहीं थी, उन्हें झांसा देकर प्रति व्यक्ति पंजीकरण के 300 रुपये लिए गए थे. इतना ही नहीं पंजीकरण के लिए 300 रुपये की कोई स्लिप तक नहीं दी गई.
हरियाणा से शिमला घूमने आए एक परिवार ने बताया कि उन्हें पंजीकरण के बारे में जानकारी नहीं थी. जब वह परवाणू बैरियर पर पहुंचे तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया. ऐसे में वहां कुछ एक लोग अपनी टैक्सी लगाकर खड़े थे. उन लोगों ने पर्यटकों को कहा कि वे उनका पंजीकरण करवा देंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें प्रति व्यक्ति 300 रुपये देने होंगे. कुछ ही देर में प्रति व्यक्ति 300 रुपये देने पर पर्यटकों का पंजीकरण हो गया और वे शिमला घूमने के लिए आ पाए.
इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसे कौन लोग थे जिन्होंने फ्री ऑनलाइन पंजीकरण के लिए पर्यटकों से पैसे ऐंठे हैं और ऐसे ही कितने लोगों से यह पैसे ऐंठने का काम बैरियर पर किया गया होगा. सरकार और प्रशासन को इस बारे में जांच की जानी चाहिए.
हिमाचल की सीमाएं खोलने बेहतर पहल
वहीं, शिमला में पहुंचे पर्यटकों से जब हिमाचल ओपन फार ऑल के फैसले पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह एक बेहतर पहल है. लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि कहां और किस तरह से पंजीकरण करवाना है. ऐसे में पंजीकरण के नाम पर चल रही ठगी पर रोक लगेगी और अधिक पर्यटक घूमने आ सकेंगे.
वहीं, कुछ पर्यटकों ने कहा कि पंजीकरण की प्रक्रिया को फिलहाल जारी रखने के समर्थन में है. उन्होंने कहा कि इसका लाभ पर्यटकों को तो मिल रहा है लेकिन स्थानीय लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इसे जारी रखना चाहिए था.