नाहन में लोक नृत्य व वाद्य दल प्रतियोगिता संपन्न, डीसी ने पद्मश्री विद्यानंद सरैक को किया सम्मानित
नाहन में दो दिवसीय जिला स्तरीय लोक नृत्य व वाद्य दल प्रतियोगिता का (District level folk dance in nahan ) शुक्रवार देर शाम समापन हो गया. इस दौरान डीसी सिरमौर ने भाषा एवं संस्कृति विभाग के ओर से पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किए प्रसिद्ध साहित्यकार विद्यानंद सरैक (padmashree vidyanand saraik) को लोईया व डांगरा देकर सम्मानित किया.
यूपी, उत्तराखंड की तरह हिमाचल में भी रिपीट होगी सरकार ? क्या है इतिहास और मौजूदा हालात
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड की तरह हिमाचल में भी करीब 3 दशक से सरकार रिपीट नहीं हुई, लेकिन दोनों राज्यों के नतीजों से भाजपा की बांछे खिल गई हैं. खासकर पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के परिणाम के बाद बीजेपी खेमे में भारी उत्साह नजर आ रहा है, लेकिन काग्रेस के लिए पांचों राज्यों से बुरी खबर है. पंजाब से सरकार चली गयी तो उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी का जादू नहीं चला. चन्नी, सिद्धू, हरीश रावत जैसे चेहरे भी चुनाव हार गए. ऐसे में करीह 6 महीने बाद होने वाले हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal assembly elections) पर इन नतीजों का क्या और कितना असर पड़ सकता है.
क्या आप के आने से बढ़ेगा पहाड़ी राज्य में राजनीतिक ताप, हिमाचल में टिकेंगे पांव?
पंजाब विधानसभा चुनाव (punjab assembly elections) में सत्ता पर काबिज होने के बाद अब आम आदमी पार्टी हिमाचल में भी चुनावों की रणनीति बनाने में जुट गई है. पंजाब में एक दशक से अधिक समय तक संघर्ष करने के बाद आम आदमी पार्टी ने इस बार करिश्मा कर दिखाया है. वहीं, दूसरी ओर हिमाचल में भी पांव जमाना आप के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि प्रदेश में चुनाव को लेकर समय कम है और चुनाव में उतरने से पहले आम आदमी पार्टी को हिमाचल में 7 हजार से अधिक मतदान केंद्रों से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन खड़ा करना होगा.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बना RSS का अड्डा, एक विचारधारा के लोगों की हो रही भर्ती: हर्षवर्धन चौहान
हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को सदन में (budget session of HP Vidhan Sabha) शिक्षा विभाग के कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का भगवाकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को आरएसएस का अड्डा बना दिया गया है.
आखिर क्या है लुच्ची? मंडी शिवरात्रि मेले में दूर-दूर से खाने आते हैं लोग
इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको एक ऐसी स्पेशल डिश के बारे में बताएंगे जो मंडी में शिवरात्रि के दौरान ही मिलती है. हालांकि यह मंडी जिले का कोई पारंपरिक व्यंजन नहीं है. इस रेसिपी को मंडी का राजपरिवार पश्चिम बंगाल से लेकर आया था, लेकिन आज यह डिश इतनी ज्यादा फेमस हो चुकी है कि लोग शिवरात्रि मेले में आकर इसका स्वाद चखना नहीं भूलते.