गवर्नर और सीएम ने ईद-उल-अजहा की दी बधाई, बोले- कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर मनाएं त्योहार
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों, विशेष तौर पर मुस्लिम भाई-बहनों को बुधवार को देश में मनाई जा रही ईद-उल-अजहा के शुभ अवसर पर बधाई दी है. राज्यपाल ने अपने संदेश में सभी मुस्लिम भाई-बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके खुशहाल एवं समृद्ध जीवन की कामना की. वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि ईद-उल-अजहा सर्वोच्च बलिदान की भावना का प्रतीक है और यह त्योहार समाज में शांति, प्रेम और करुणा को बढ़ावा देता है. उन्होंने प्रदेशवासियों से राज्य की प्रगति, समृद्धि और शांति के लिए मिल-जुलकर कार्य करने का आग्रह किया है.
उपचुनाव में आसान नहीं बीजेपी की डगर, बागियों को मनाने में छूटे पसीने
हिमाचल में उपचुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर है. प्रदेश के चार में से तीन संसदीय क्षेत्रों की विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर होने वाले ये चुनाव 2022 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल ही समझे जा रहे हैं. ऐसे में सत्ता में होने के बावजूद उपचुनाव में बीजेपी की विजय की डगर आसान नहीं है. खासकर फतेहपुर और अर्की में बागी चोरों ने हाईकमान को चिंता में डाल दिया है.
दर्दनाक हादसा: खाई में गिरी पिकअप, 1 शख्स की मौत
राजधानी शिमला के ढली थाना के अंतर्गत खालटू रोड पीरन में एक पिकअप अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई. हादसे में पिकअप सवार एक शख्स की मौत हो गई है. घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
हिमाचल में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी, आगामी 36 घंटे रहेंगे भारी
हिमाचल प्रदेश में फिलहाल बारिश से लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है. बीते दो दिन से प्रदेश भर में जम कर बारिश हो रही है. वहीं, आगामी 36 घंटों के लिए भी मौसम विभाग (Weather Department) ने कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है. बता दें कि हिमाचल में बीते एक सप्ताह से भारी बारिश हो रही है. जिससे जानी नुकसान हुआ है.
गुरु द्रोण की नगरी का रहस्यमयी जंगल: यहां से एक टहनी भी नहीं तोड़ सकता कोई, सिर्फ शव दाह के काम आती है लकड़ी
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को वन महोत्सव शुरू हुआ. कई दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में पूरे प्रदेश में एक करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. हिमाचल में पौधारोपण और वनों की रक्षा की परंपरा प्राचीन समय से है. यहां हम हिमाचल में मौजूद एक ऐसे जंगल की बात करेंगे, जहां पेड़ काटना तो दूर, कोई व्यक्ति इस जंगल से एक टहनी भी नहीं तोड़ सकता.